डेस्क:केरल के सांसद शशि थरूर लगातार कांग्रेस को चिढ़ा रहे हैं। अब उन्होंने केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल के साथ एक सेल्फी सोशल मीडिया पर शेयर की है। पिछले दिनों उन्होंने पार्टी नेतृत्व से सीधा सवाल किया था और कहा था कि आखिर उनके पास क्या जिम्मेदारी है। इसके अलावा उन्होंने कहा था कि यदि पार्टी के पास उनके लिए कोई काम नहीं है तो फिर उनके पास विकल्प भी हैं। अब उन्होंने जो ट्वीट किया है, उसने चर्चाओं को और बल दिया है। इससे पहले सोमवार को उन्होंने एक ट्वीट किया था, जिसमें केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल, केरल के सीएम पिनराई विजयन और राज्य में कांग्रेस के नेता के. सुधाकरण एक ही मंच पर थे।
इस तस्वीर की उन्होंने तारीफ की थी और कहा था कि राज्य के आर्थिक विकास के लिए यह बहुत अच्छी और जरूरी तस्वीर है। इसके बाद से ही शशि थरूर को लेकर चर्चाएं तेज हैं कि क्या वह कांग्रेस से अपना दामन छुड़ाना चाहते हैं। एक वर्ग का कहना है कि वह राज्य की सत्ताधारी पार्टी सीपीएम के साथ जा सकते हैं तो वहीं कुछ लोग भाजपा को लेकर कयास लगा रहे हैं। शशि थरूर ने पिछले दिनों पीएम नरेंद्र मोदी के अमेरिका दौरे की भी सराहना की थी। वहीं जयराम रमेश और राहुल गांधी ने कहा था कि पीएम मोदी ने अमेरिका में भारत के हितों से समझौता किया है। वहां भी वह सिर्फ अडानी का ही बचाव करते रहे। ऐसे में शशि थरूर की ओर से तारीफ करना थोड़ा अलग था।
इस बारे में जब उनसे पूछा गया तो शशि थरूर ने कहा था कि पार्टी हितों से ऊपर उठकर देश हित की बात भी कभी की जा सकती है। इसमें कुछ भी गलत नहीं है। अब शशि थरूर ने जो सेल्फी शेयर की है, उसमें उनके साथ पीयूष गोयल और ब्रिटेन के वाणिज्य मंत्री जोनाथन रेनॉल्ड्स साथ दिख रहे हैं। उन्होंने लिखा है कि भारत और यूके के बीच ट्रेड डील के बाद यह तस्वीर ली गई है। थरूर ने इसके आगे ट्वीट में लिखा है, ‘ब्रिटिश मंत्री जोनाथन रेनॉल्ड्स के साथ अच्छी बातचीत रही। उनके साथ ही वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल से भी मुलाकात हुई। इस दौरान फ्री ट्रेड अग्रीमेंट को लेकर बात आगे बढ़ी। यह मसला लंबे समय से अटका हुआ है।’ दरअसल शशि थरूर की ओर से राज्य की सीपीएम सरकार की भी तारीफ की जा चुकी है, जिसके खिलाफ कांग्रेस लंबे समय से राज्य में लड़ती रही है।
वहीं शशि थरूर के रुख को लेकर पार्टी के अंदर ही जंग तेज है। पार्टी के स्थानीय मुखपत्र वीक्षणम दैनिक ने शशि थरूर की निंदा करते हुए लिखा कि ऐसा रुख आपत्तिजनक है। लेख में कहा गया कि एलडीएफ सरकार के खिलाफ कांग्रेस लगातार आंदोलन कर रही है। ऐसे में पार्टी के भीतर से ही इस तरह की कमजोर करने वाली बातें खतरनाक हैं।