स्पोर्ट्स डेस्क:ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सीरीज के शुरुआती मैच से पहले शुभमन गिल का अंगूठा फ्रैक्चर होना निश्चित रूप से भारत के लिए एक ‘झटका’ है लेकिन पूर्व कप्तान सौरव गांगुली का मानना है कि टीम के पास शुक्रवार से शुरू हो रही बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी (BGT) में घरेलू मैदान पर हाल ही में मिली करारी हार से उबरने के लिए गुणवत्ता और मानसिक शक्ति है। गिल के नाम 29 टेस्ट में पांच शतक हैं। उन्होंने भारत के पिछले ऑस्ट्रेलिया दौरे पर मेलबर्न और ब्रिसबेन में अर्धशतकीय पारियों के साथ टीम को जीत दिलाने में अहम भूमिका निभाई थी। वह टीम के अभ्यास के दौरान अंगूठे में फ्रैक्चर के कारण सीरीज के शुरुआती मैच में नहीं खेल पाएंगे जबकि दूसरे टेस्ट में भी उनकी वापसी संदिग्ध है।
‘न्यूजीलैंड हार का असर नहीं पड़ेगा’
गांगुली ने ‘पीटीआई’ को दिये विशेष साक्षात्कार में कहा, ‘‘इसमें कोई शक नहीं कि शुभमन की चोट टीम के लिए झटका है क्योंकि वह अच्छी लय में बल्लेबाजी कर रहे थे। उन्होंने ऑस्ट्रेलिया में रन बनाए हैं। अंगूठे में फ्रैक्चर के कारण वह दो टेस्ट मैचों से बाहर हो सकते हैं।’’ भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) के इस पूर्व अध्यक्ष ने कहा, ‘‘मेरा मानना है कि पहले टेस्ट के दौरान रोहित (पितृत्व अवकाश पर) और शुभमन की अनुपस्थिति में अन्य बल्लेबाज जिम्मेदारी उठाएंगे। मुझे नहीं लगता कि न्यूजीलैंड से हार का इस सीरीज पर कोई असर पड़ेगा।’’ हार्दिक पांड्या अब टेस्ट मैच नहीं खेल रहे है और भारत के पास तेज गेंदबाजी करने वाले हरफनमौला खिलाड़ियों की कमी है।
‘पर्थ में 2 स्पिनर का कोई मतलब नहीं’
टीम में नितीश कुमार रेड्डी है लेकिन उन्हें अब भी टेस्ट पदार्पण करना है। गांगुली का मानना है कि आंध्र के इस खिलाड़ी को चुनिदा परिस्थितियों में मौका दिया जाना चाहिए। इस पूर्व दिग्गज ने कहा, ‘‘पर्थ (ऑप्टस) और गाबा (ब्रिसबेन) में दो विशेषज्ञ स्पिनर को खिलाने का कोई मतलब नहीं है। आपको रेड्डी को इन परिस्थितियों में अंतिम एकादश में शामिल करने का तरीका ढूंढना होगा। वह निचले क्रम के लिए अच्छा बल्लेबाज है। इससे टीम का संतुलन बेहतर होगा।’’ गांगुली ने कहा कि मोहम्मद शमी को छह दिसंबर से होने वाले दूसरे टेस्ट के लिए एडिलेड भेजा जाना चाहिए था। एडिलेड में टीम गुलाबी गेंद से दिन-रात्रि टेस्ट खेलेगी।
‘वहां शमी जैसे गेंदबाज की जरूरत’
भारतीय चयनकर्ताओं की सोच हालांकि गांगुली से नहीं मिलती है। टखने की चोट से उबरने के बाद बंगाल के लिए रणजी मैच में प्रभावी प्रदर्शन करने वाले शमी की वापसी में चयनकर्ता जल्दबाजी नहीं करना चाहते है। बीसीसीआई की मेडिकल टीम और राष्ट्रीय चयनकर्ता चाहते हैं कि शमी सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी में कुछ और प्रतिस्पर्धी मैच खेलें. जिससे यह देखा जा सके कि कई मैचों के बाद भी उनका शरीर ठीक है या नहीं, फिर भले ही यह सफेद गेंद का टूर्नामेंट हो। गांगुली ने कहा, ‘‘शमी ने लगभग 45 ओवर गेंदबाजी की और मैदान पर क्षेत्ररक्षण के लिए 100 से अधिक ओवर तक मैदान पर रहे। यह ऑस्ट्रेलिया भेजे जाने के लिए पर्याप्त फिटनेस है। इस दौरे पर आपको जसप्रीत बुमराह के साथ उनके जैसे क्षमता वाले गेंदबाज की जरूरत है।’’
‘उम्र देखकर आकलन नहीं होना चाहिए’
न्यूजीलैंड के खिलाफ घरेलू सीरीज में हार के बाद टीम में बदलाव की बात हो रही है लेकिन 51 साल के गांगुली इन बातों को ज्यादा तवज्जो नहीं देना चाहते हैं। उन्होंने कहा, ‘‘टीम में बदलाव जब होना होगा तब होगा। मुझे लगता है कि किसी भी खिलाड़ी का आकलन उसकी उम्र को देखकर नहीं करना चाहिए। खिलाड़ी के आकलन के लिए सिर्फ फॉर्म और फिटनेस पैमाना होना चाहिए।’’ गांगुली ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि विराट कोहली और ऋषभ पंत ऑस्ट्रेलिया में शानदार बल्लेबाजी करेंगे। उन्होंने कहा, ‘‘मुझे विराट कोहली पर पूरा विश्वास है। उन्होंने अपने प्रदर्शन से इसे साबित किया है और उनके लिए यह सीरीज अच्छी होगी। इस सीरीज में भारत की सफलता काफी कुछ कोहली और पंत की बल्लेबाजी पर निर्भर करेगी। अगर यह दोनों अच्छा करते है तो भारत के लिए यह सीरीज अच्छी होगी।’’
क्या भारत की तैयारी में रह गई कसर?
गांगुली ने टीम के पूरी तरह से तैयार नहीं होने की बातों को भी नकारते हुए कहा, ‘‘टीम की तैयारी तब कम मानी जाती जब वे लंबे समय के बाद टेस्ट खेलते। इस टीम ने पिछले दो महीने में पांच टेस्ट मैच खेले है। ऐसे में इस तरह का सवाल कहां से उठता है।’’ गांगुली ने कहा, ‘‘मैं समझ सकता हूं कि न्यूजीलैंड के खिलाफ हार अप्रत्याशित थी लेकिन आपको यह समझना होगा कि हमने बेहद मुश्किल पिच पर ये मैच खेले थे। ऑस्ट्रेलिया में पिच बल्लेबाजी के लिए अच्छी होगी।’’