नवरात्रि व्रत में फलाहार करने के लिए कई चीजों का उपयोग किया जाता है। जिसमें से एक नाम सिंघाड़े के फल का भी है। सिंघाड़े को अंग्रेजी में वॉटर चेस्टनट के नाम से भी जाना जाता है। सिंघाड़े में विटामिन-सी, मैंगनीज, प्रोटीन, थायमाइन जैसे कई पोषक तत्व पाए जाते हैं, जो सेहत के लिए बेहद फायदेमंद होते हैं। पानी से भरपूर इस फल को खाने से बॉडी में डिहाइड्रेशन की समस्या नहीं होती है। जबकि इसमें मौजूद फाइबर और रफेज वेट लॉस में मदद करके मेटाबॉलिज्म को बूस्ट करने में मदद करता है। आइए जानते हैं सिंघाड़ा खाने से सेहत को मिलते हैं क्या फायदे।
सेहत के लिए सिंघाड़ा खाने के फायदे
वेट लॉस
सिंघाड़े में मौजूद कैलोरी की कम मात्रा वेट कंट्रोल करने में मदद करती है। इसमें फाइबर और पानी की भरपूर मात्रा मौजूद होने की वजह से यह पेट को लंबे समय तक भरा हुआ रखता है, जिससे व्यक्ति को भूख कम लगती है और वजन कंट्रोल रहता है। सिंघाड़े में 74 प्रतिशत पानी होता है जिससे भूख शांत होने के साथ शरीर में कैलोरी भी नहीं बढ़ती है।
यूरिन इंफेक्शन
सिंघाड़ा यूरिन इंफेक्शन की समस्या में भी फायदेमंद हो सकता है। सिंघाड़ा में मौजूद एंजाइम मूत्राशय को साफ करके बैक्टीरिया को फ्लश करने का काम करता है।
थायराइड
सिंघाड़ा थायराइड कंट्रोल करने में मदद कर सकता है। सिंघाड़े में मौजूद आयोडीन और मैंगनीज थायराइड की समस्या में फायदा पहुंचाते हैं। सिंघाड़े में मौजूद आयोडीन गले से जुड़ी बीमारियों से बचाव करके थायराइड ग्रंथि को सुचारू रूप से काम करने में मदद करता है।
डिहाइड्रेशन से रखें दूर
शरीर में पानी की कमी को डिहाइड्रेशन की समस्या कहते हैं। डिहाइड्रेशन होने पर व्यक्ति को उल्टी, दस्त लगना,ज्यादा पसीना आना, किडनी संबंधी रोग परेशान करने लगते हैं। ऐसे में सिंघाड़े का सेवन सेहत को फायदा पहुंचा सकता है। सिंघाड़े को ‘पानी फल’ कहा जाता है। इसमें पानी की अच्छी मात्रा मौजूद होने के साथ कूलिंग गुण भी मौजूद होते हैं। जो शरीर में पानी की कमी को दूर करके हाइड्रेशन को बढ़ते हैं।
डायबिटिज रखें कंट्रोल
सिंघाड़े में फाइबर की अधिकता होने की वजह से ग्लाइसेमिक इंडेक्स (जीआई) कम होता है। कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाले खाद्य पदार्थों का सेवन करने से ब्लड शुगर लेवल स्थिर रहता है और वजन लॉस में मदद मिल सकती है।