हिंदू धर्म में हर माह के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को स्कंद षष्ठी का पर्व मनाया जाता है। यह दिन भगवान शिव और माता पार्वती के बड़े पुत्र भगवान कार्तिकेय की पूजा-अर्चना के लिए अत्यंत शुभ माना गया है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, भगवान कार्तिकेय की पूजा करने से जीवन के सभी दुख-कष्ट दूर होते हैं और घर में सुख-समृद्धि का वास होता है।
आइए जानते हैं जनवरी 2025 के स्कंद षष्ठी की सही तिथि, शुभ मुहूर्त, योग और पूजा विधि।
स्कंद षष्ठी: तिथि और शुभ योग
कब है स्कंद षष्ठी?
पंचांग के अनुसार, पौष माह के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि का आरंभ 04 जनवरी 2025 को रात 10:00 बजे से होगा और यह 05 जनवरी 2025 को रात 08:15 बजे समाप्त होगी। उदयातिथि के अनुसार, स्कंद षष्ठी 05 जनवरी 2025 को मनाई जाएगी।
इस दिन त्रिपुष्कर योग, रवि योग और सर्वार्थ सिद्धि योग जैसे शुभ योग बन रहे हैं, जो इस दिन को और भी पावन बनाते हैं।
शुभ मुहूर्त
- ब्रह्म मुहूर्त: सुबह 05:26 से 06:20
- अभिजित मुहूर्त: दोपहर 12:06 से 12:47
- विजय मुहूर्त: दोपहर 02:11 से 02:52
- त्रिपुष्कर योग: रात 08:15 से 08:18
- सर्वार्थ सिद्धि योग: रात 08:18 से 06 जनवरी सुबह 07:15
पूजा विधि
- स्नान और तैयारी
- प्रातः स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
- घर के मंदिर की सफाई करें और बासी फूलों को हटा दें।
- प्रतिमा स्थापना और पूजा
- एक साफ चौकी पर भगवान कार्तिकेय की प्रतिमा या तस्वीर स्थापित करें।
- भगवान को फल, फूल, धूप, दीप, चंदन और अक्षत अर्पित करें।
- आरती और मंत्र जाप
- भगवान कार्तिकेय के सामने दीप जलाकर विधिवत पूजा करें।
- आरती उतारें और भगवान के मंत्रों का जाप करें।
मंत्र
- ऊँ स्कंददेवाय नमः
- ऊँ कुमाराय नमः
- ऊँ षडाननाय नमः
- व्रत कथा
- स्कंद षष्ठी व्रत कथा का पाठ करें।
महत्व
भगवान कार्तिकेय को देवताओं का सेनापति कहा जाता है। उनकी पूजा करने से जीवन में साहस, शक्ति और समृद्धि का संचार होता है। स्कंद षष्ठी का व्रत रखने से मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है और जीवन में शांति बनी रहती है।
इस स्कंद षष्ठी पर विधिवत पूजा-अर्चना करें और भगवान कार्तिकेय का आशीर्वाद प्राप्त करें।