नई दिल्ली: देश के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह आज पंचतत्व में विलीन हो गए। भारतीय अर्थव्यवस्था को गति देने और समाज के वंचित तबके के लिए शिक्षा का अधिकार (RTE) और मनरेगा जैसी योजनाओं के लिए उन्हें सदैव याद किया जाएगा। डॉ. मनमोहन सिंह की विदाई के साथ ही कांग्रेस ने उनके स्मारक की मांग उठाई है।
कांग्रेस ने शुक्रवार को गृह मंत्रालय को पत्र लिखते हुए आग्रह किया कि डॉ. सिंह का अंतिम संस्कार उसी स्थान पर हो, जहां उनका स्मारक बनाया जाएगा। इस पर गृह मंत्रालय ने जवाब दिया कि मनमोहन सिंह के कद के अनुरूप उनका स्मारक अवश्य बनाया जाएगा, और सरकार इसके लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।
राजघाट के पास होगा स्मारक
सूत्रों के अनुसार, मनमोहन सिंह का स्मारक राजघाट के पास स्थित राष्ट्रीय स्मृति स्थल पर बनाया जाएगा। यहां पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का स्मारक भी स्थित है।
राष्ट्रीय स्मृति स्थल 2013 में यूपीए सरकार के उस फैसले के तहत बनाया गया था, जिसमें कहा गया था कि अब किसी भी VVIP की समाधि राजघाट के पास अलग से नहीं बनेगी।
2013 का यूपीए सरकार का फैसला
16 मई, 2013 को यूपीए सरकार ने यह निर्णय लिया था कि राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति और प्रधानमंत्री जैसे VVIPs की समाधि अब राजघाट के बजाय राष्ट्रीय स्मृति स्थल पर बनाई जाएगी। यह स्मृति स्थल राजघाट से 1.6 किलोमीटर दूर स्थित है। यह निर्णय स्थान की कमी को ध्यान में रखते हुए लिया गया था, क्योंकि महात्मा गांधी, जवाहरलाल नेहरू, इंदिरा गांधी और राजीव गांधी जैसे नेताओं की समाधियां 245 एकड़ भूमि पर फैली हैं।
कांग्रेस का ऐतराज
कांग्रेस ने सवाल उठाए हैं कि डॉ. मनमोहन सिंह का अंतिम संस्कार निगम बोध घाट में क्यों कराया गया। पार्टी का कहना है कि उन्हें मुखाग्नि वहीं दी जानी चाहिए थी, जहां उनका स्मारक प्रस्तावित है।
पूर्व VVIP समाधियों की स्थिति
राजघाट परिसर 44.35 एकड़ में फैला है। वहीं, जवाहरलाल नेहरू की समाधि ‘शांतिवन’ 52.6 एकड़ और इंदिरा गांधी की समाधि ‘शक्ति स्थल’ 45 एकड़ में बनी है। पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री का विजय घाट 40 एकड़ में स्थित है।
राष्ट्रीय स्मृति स्थल पर अब ज्ञानी जैल सिंह, अटल बिहारी वाजपेयी, और अन्य VVIPs के स्मारक बनाए गए हैं। कांग्रेस का मानना है कि डॉ. मनमोहन सिंह जैसे नेता के लिए भी यही स्थान उचित होगा।
भविष्य की योजना
गृह मंत्रालय ने आश्वासन दिया है कि डॉ. सिंह का स्मारक उनके योगदान और कद को ध्यान में रखते हुए बनाया जाएगा। इस बीच, कांग्रेस ने सरकार से जल्द निर्णय लेने की अपील की है।