हरिद्वार : यात्रा सीजन की सोमवती अमावस्या ने कुंभ की सोमवती पर पहुंचे श्रद्धालुओं के रिकॉर्ड को पीछे छोड़ दिया। सोमवार रात आठ बजे तक 38.17 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने स्नान किया। 2021 में कुंभ की सोमवती अमावस्या ( शाही स्नान) में लाख श्रद्धालुओं ने गंगा स्नान किया था।
सोमवार को साल की अंतिम सोमवती अमावस्या पर उमड़े श्रद्धालुओं की भीड़ ने सभी को चौंका दिया। भीड़ इस कदर थी कि हर जगह लोग ही लोग दिख रहे थे। हरकी पैड़ी पर सुबह 4 बजे शुरू हुई खचाखच भीड़ धूप निकलने तक रही। आसपास के गेटों से निकलने के लिए धक्कामुक्की तक हुई। रविवार से ही पुलिस ने मोर्चा संभाला हुआ था। यात्रा सीजन में आई सोमवती अमावस्या ने वर्ष 2021 के कुंभ में शाही स्नान के रिकॉर्ड को भी तोड़ दिया। हालांकि उस समय कोविड-19 की पाबंदियां भी थीं।
2020 में नहीं हो पाया था सोमवती स्नान
सबसे अधिक भीड़ वाली सावन में आने वाली सोमवती को माना जाता है। वर्ष 2020 में सावन के बीच में सोमवती पड़ रही थी। लेकिन कोरोना के कारण स्नान को स्थगित किया गया था। अन्यथा 50 लाख से अधिक श्रद्धालुओं के पहुंचने का अनुमान था।
कब कितने श्रद्धा आए हरिद्वार
2021 के महाकुंभ सोमवती अमावस्या ( शाही स्नान) 31.23
2019- 51 लाख (दो दिन का आंकड़ा)
2019- 12.20 लाख
2018- सोमवती नहीं
2017- 18.3 लाख
2016- 37.15 लाख
2015- 34.75 लाख
1996 जैसी भीड़ दिखी
सोमवार को हरिद्वार आई भीड़ ने वर्ष 1996 में हुई सोमवती अमावस्या की भीड़ की यादें ताजा कर दीं। हालांकि इस सोमवती अमावस्या पर हरिद्वार के गऊघाट पर भगदड़ मची थी और 22 श्रद्धालुओं को जान गंवानी पड़ी थी। सोमवार को भी उसी तरह की भीड़ नजर आई। खचाखच हरकी पैड़ी पर भीड़ रही। 1996 में 25 लाख का दावा किया था, उस वक्त सुविधाओं का अभाव था। जिस कारण हादसा हुआ था।
इस रिकॉर्ड का टूट पाना मुश्किल
वर्ष 2010 में हुए महाकुंभ के बैसाखी स्नान पर बना रिकॉर्ड कुंभ में ही टूट सकता है। 2010 कुंभ में बैसाखी स्नान पर 1.60 करोड़ श्रद्धालुओं ने स्नान किया था, जो अब तक का हरिद्वार का सबसे बड़ा एक दिन में श्रद्धालुओं के पहुंचने का रिकॉर्ड है।