डेस्क:सरकार द्वारा सोने के आयात के आंकड़ों में तेज सुधार के बाद, नवंबर के लिए भारत के रिकॉर्ड व्यापार घाटे को 37.8 अरब डॉलर से घटाकर 32.8 अरब डॉलर कर दिया गया है। बता दें व्यापार घाटा वह राशि है, जिसके द्वारा आयात का मूल्य निर्यात से अधिक हो जाता है। वाणिज्य मंत्रालय की एक शाखा वाणिज्यिक खुफिया और सांख्यिकी महानिदेशालय (DGCIS) ने बुधवार को कहा कि महीने के लिए सोने के आयात को 9.8 अरब डॉलर में समायोजित किया गया था, जो 14.8 अरब डॉलर के पहले के अनुमान से काफी कम है।
कहां हुई थी गलती
जुलाई में रिपोर्टिंग सिस्टम में बदलाव के बाद गोदामों में सोने के शिपमेंट की कथित तौर पर डबल काउंटिंग के कारण गणना में गलती के लिए जिम्मेदार 5 अरब डॉलर का करेक्शन हुआ।
इस विसंगति का पता डीजीसीआईएस और केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड के आंकड़ों के मिलान की प्रक्रिया के दौरान चला था। हालांकि, कॉमर्स डिपॉर्टमेंट ने अभी तक संशोधन पर आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है।
शुरू में रिकॉर्ड घाटे की सूचना
नवंबर के व्यापार के आंकड़ों ने शुरू में रिकॉर्ड घाटे की सूचना दी, जो सोने के आयात में असामान्य 331% साल दर साल ग्रोथ से प्रेरित थी। सोना, जो महीने के लिए कुल ट्रेड इंपोरट का 21% था, पहले 14.8 अरब डॉलर का अनुमान लगाया गया था। यह देश के व्यापार संतुलन के बारे में चिंताओं को बढ़ाता है। भारत अपने सोने का अधिकांश आयात स्विट्जरलैंड, संयुक्त अरब अमीरात और पेरू से करता है।
संशोधित आंकड़ों के अनुसार, नवंबर के लिए भारत का सोने का आयात अब 9.8 अरब डॉलर है, जिससे चालू वित्त वर्ष के पहले आठ महीनों के दौरान आयातित सोने का कुल मूल्य 44 अरब डॉलर हो गया है। संशोधन से पहले व्यापार घाटा नवंबर 2023 में 21.3 बिलियन डॉलर की तुलना में रिकॉर्ड $37.8 बिलियन पर पहुंच गया।
16 दिसंबर 2023 को वाणिज्य मंत्रालय द्वारा जारी किए गए डेटा ने नवंबर में निर्यात में 4.9% साल दर साल गिरावट के साथ व्यापारिक आयात में 27% साल दर साल वृद्धि दिखाई। इस बीच, सर्विस एक्सपोर्ट ने जोरदार प्रदर्शन किया, नवंबर सरप्लस रिकॉर्ड $ 18 बिलियन को छू गया।
64.95 अरब डॉलर का सोना भारत ने किया आयात
नवंबर के लिए सोने के आयात आंकड़ों में 5 अरब डॉलर की संशोधन के साथ आयात 69.95 अरब डॉलर से घटकर 64.95 अरब डॉलर रह गया है। एक साल पहले यह आंकड़ा 55.06 अरब डॉलर था। नवंबर 2023 में 33.75 अरब डॉलर की तुलना में नवंबर में कुल निर्यात घटकर 32.11 अरब डॉलर हो गया।
इस वित्त वर्ष (अप्रैल-नवंबर 2024) में अब तक, अप्रैल-नवंबर 2023 में 498.33 बिलियन डॉलर की तुलना में कुल निर्यात 536.25 बिलियन डॉलर रहा, जो 7.61% की वृद्धि है।
किन चीजों का सबसे अधिक हुआ निर्यात
इस अवधि में इलेक्ट्रॉनिक सामान के ट्रेड एक्सपोर्ट में साल दर साल आधर पर 7.9% की वृद्धि दर्ज की गई। इंजीनियरिंग सामान (26.87%), चावल (13.35%), ड्रग्स और फार्मास्यूटिकल्स (6.76%), और रेडी-मेड कपड़े (15.21%) में भी उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई। प्रमुख आयातों में कच्चा तेल (7.15% सालाना वृद्धि), इलेक्ट्रॉनिक सामान (10.54%) और सोना (49.02%) शामिल थे।
इन देशों ने भारत से खूब मंगाया सामान
इस अवधि के दौरान भारत के प्रमुख एक्सपोर्ट डेस्टिनेशन अमेरिका, संयुक्त अरब अमीरात, नीदरलैंड, ब्रिटेन और सिंगापुर थे। चीन, संयुक्त अरब अमीरात, रूस, अमेरिका, सऊदी अरब और इराक टॉप सप्लॉयर बने रहे, जो तेल आयात पर देश की निर्भरता को दर्शाते हैं।