पंचांग के अनुसार हर साल माघ माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को बसंत पंचमी का त्योहार मनाया जाता है। इस दिन मां सरस्वती की पूजा- अर्चना की जाती है। इस साल बसंत पंचमी का पर्व 26 जनवरी को मनाया जाएगा। इस दिन बच्चों का उपनयन संस्कार भी होता था। साथ ही इस दिन गुरुकुलों में शिक्षा देने की शुरूआत की जाती थी। क्योंकि जैसे माता लक्ष्मी को धन की देवी माना जाता है। वैसे ही मां सरस्वती को विद्या और ज्ञान की देवी माना जाता है। वहीं यहां हम बताने जा रहे हैं, इन दिन किन कार्यों को करने से बचना चाहिए। अन्यथा मां सरस्वती रुष्ट हो सकती हैं। आइए जानते हैं…
बसंत पचंमी 2023 शुभ मुहूर्त और तिथि
पंचांग के मुताबिक माघ शुक्ल पंचमी तिथि 25 जनवरी को दोपहर 12 बजकर 33 मिनट से आरंभ हो रही है, जो अगले दिन 26 जनवरी को सुबह 10 बजकर 37 मिनट तक रहेगी। इसलिए उदयातिथि के अनुसार बसंत पंचमी का त्योहार 26 जनवरी को मनाया जाएगा। वहीं बसंत पंचमी की पूजा का शुभ मुहूर्त 26 जनवरी को सुबह 07 बजकर 06 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 34 मिनट तक रहेगा। इस अवधि में आप मां सरस्वती की पूजा- अर्चना कर सकते हैं।
आइए जानते हैं इस दिन क्या करना चाहिए और क्या नहीं
1- बसंत पंचमी के दिन खासकर छात्रों को शिक्षा से जुड़ी हुई चीजों का दान करना चाहिए। साथ ही दान किसी छात्र को कर सकते हैं। ऐसा करने से मां सरस्वती का आशीर्वाद प्राप्त होगा।
2- इस दिन सबसे पहले सुबह उठते ही अपनी हथेलियों को देखना चाहिए। माना जाता है कि हथेलियों में मां सरस्वती का वास होता है और इस श्लोक कराग्रे वसते लक्ष्मीः करमध्ये सरस्वती । करमूले तु गोविन्दः प्रभाते करदर्शनम ॥ का जाप मन में करना चाहिए।
3- बसंत पंचमी के दिन कोई शुभ और मांगिलक कार्य शुरू किया जा सकता है। साथ ही बच्चे की पढ़ाई इस दिन से शुरू कर सकते हैं। मतलब उसका स्कूल में एडमिशन करा सकते हैं।
4- इस दिन खासकर छात्रों को मां सरस्वती की आधारना करनी चाहिए। साथ ही एक कलम को मां सरस्वती के चरणों में रखना चाहिए और उस कलम का इस्तमाल पूरे साल करना चाहिए।
5- इस दिन घर- परिवार में कोई कलह नहीं करें और न ही किसी को अपशब्द बोलें। अगर आप ऐसा करते हैं तो मां सरस्वती रुष्ट हो सकती हैं।
6- इस दिन तामसिक चीजें जैसे- प्याज, लहसुन का सेवन नहीं करें। साथ ही शराब और मांस का भी सेवन करने से बचें।
7- इस दिन फसल और पेड़ भी नहीं कांटे।