डेस्क:कर्ज के बोझ तले दबी टेलिकॉम कंपनी वोडाफोन आइडिया ने सरकार को चेताया है कि उसके सपोर्ट के बिना वह चालू वित्त वर्ष के आगे ऑपरेट नहीं कर पाएगी। टेलिकॉम कंपनी ने कहा है कि उसके समर्थन के बिना उसे इनसॉल्वेंसी (दिवालियापन) के लिए नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) का रुख करना पड़ेगा। यह बात सीएनबीसी-टीवी 18 की एक रिपोर्ट में कही गई है। वोडाफोन आइडिया के शेयर शुक्रवार को BSE में उछाल के साथ 7.37 रुपये पर बंद हुए हैं।
टेलिकॉम कंपनी वोडाफोन आइडिया (Vodafone Idea) ने आगाह किया है कि सरकार से सपोर्ट न मिलने पर गवर्नमेंट के इक्विटी स्टेक की वैल्यू गिरकर जीरो पर पहुंच सकती है, जिससे 1.18 लाख करोड़ रुपये के स्पेक्ट्रम बकाया पर कोई रिकवरी नहीं होगी। वित्तीय दबाव झेल रही टेलिकॉम कंपनी ने यह भी दावा किया है कि 26,000 करोड़ रुपये के इक्विटी इनफ्यूजन और सरकार के इक्विटी कन्वर्जन के बावजूद उसे बैंकों से कोई सपोर्ट नहीं मिला है। वोडाफोन आइडिया ने सरकार को बताया है कि उसके सपोर्ट के बिना बैंक फंडिंग आगे नहीं बढ़ेगी और टेलिकॉम कंपनी वित्त वर्ष 2026 के आगे ऑपरेट करने में सक्षम नहीं होगी।
टेलिकॉम कंपनी वोडाफोन आइडिया अगर नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) का रुख करती है तो 20 करोड़ से ज्यादा टेलिकॉम सब्सक्राइबर्स पर असर पड़ेगा। कंपनी में फिलहाल 20,000 से ज्यादा एंप्लॉयीज का एक्टिव वर्कफोर्स है। इक्विटी कन्वर्जन के बाद भी एजीआर और स्पेक्ट्रम ड्यूज में वोडाफोन आइडिया पर सरकार का 1.95 लाख करोड़ रुपये बकाया है। पिछले एक साल में वोडाफोन आइडिया के शेयरों में करीब 44 पर्सेंट की गिरावट देखने को मिली है। वोडाफोन आइडिया के शेयरों का 52 हफ्ते का हाई लेवल 19.15 रुपये है। वहीं, कंपनी के शेयरों का 52 हफ्ते का लो लेवल 6.46 रुपये है।