डेस्क:बीड जिले के एक सरपंच की निर्मम हत्या को लेकर महायुति सरकार पर बढ़ते दबाव के बीच मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री धनंजय मुंडे से इस्तीफा ले लिया है। कल रात मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री एनसीपी प्रमुख अजित पवार के बीच हुई बैठक के बाद यह फैसला लिया गया। फडणवीस ने मंगलवार को राज्य विधानमंडल परिसर में पत्रकारों से बातचीत में कहा, “आज महाराष्ट्र के मंत्री धनंजय मुंडे ने अपने पद से मुझे इस्तीफा दे दिया है। मैंने यह इस्तीफा स्वीकार किया है और अगली कार्रवाई के लिए यह इस्तीफा राज्यपाल के पास भेज दिया है।” सीएम ने कहा कि मुंडे को मंत्री पद से मुक्त कर दिया गया है।
बीड जिले के मासजोग गांव के सरपंच देशमुख को दिसंबर में एक ऊर्जा कंपनी से जबरन वसूली की कोशिश को विफल करने के प्रयास को लेकर अगवा कर लिया गया और उनकी हत्या कर दी गई। इस मामले में अब तक राज्य मंत्री धनंजय मुंडे के करीबी सहयोगी वाल्मिक कराड समेत सात लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जबकि एक व्यक्ति को वांटेड आरोपी घोषित किया गया है।
पिछले हफ्ते सरपंच सतोष देशमुख हत्याकांड में सीआईडी द्वारा आरोपपत्र दाखिल करने के बाद महायुति सरकार पर दबाव बढ़ गया है। आरोपपत्र में इस हत्याकांड में वाल्मीकि कराड की संलिप्तता की पुष्टि की गई है। आरोपियों द्वारा की गई इस क्रूर हत्या की तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गए, जिसके बाद बीड जिले में हंगामा मच गया।
सूत्रों के अनुसार, मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इस मामले में सख्त रुख अपनाया और महायुति सरकार की छवि को बचाने के लिए मुंडे से इस्तीफा लेने का फैसला किया। बताया जा रहा है कि फडणवीस ने अजित पवार के साथ कई दौर की बातचीत की और उन्हें समझाया कि जांच पूरी होने तक मुंडे का पद पर बने रहना सरकार के लिए मुश्किलें खड़ी कर सकता है। फडणवीस ने पहले ही यह स्पष्ट कर दिया था कि अपराध में शामिल किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा, चाहे वह किसी भी पार्टी से जुड़ा हो।
मुंडे इस्तीफा देने के लिए बिल्कुल भी तैयार नहीं थे और उन्होंने पवार से कुछ और समय देने का अनुरोध किया, लेकिन पवार ने अपनी लाचारी जाहिर की। पार्टी के अंदरूनी सूत्रों के अनुसार, मुंडे मंत्री पद से इस्तीफा देने से पहले राज्य विधानसभा में आकर अपना पक्ष रखना चाहते थे। हालांकि, अजित पवार और एनसीपी अध्यक्ष दोनों ही इसके पक्ष में नहीं थे। भाजपा के एक नेता ने कहा, “कराड की गिरफ्तारी के बाद से ही फडणवीस मुंडे के इस्तीफे पर अड़े हुए थे, लेकिन पवार और मुंडे मानने को तैयार नहीं थे और उन्हें कुछ समय तक मनाने में लगे रहे। जब आरोप पत्र में मामले में क्रूरता की बात सामने आई, तो मुख्यमंत्री ने अपना पैर पीछे खींच लिया और पवार से इस्तीफा देने को कहा।”
शुरुआत में अजित पवार अपने करीबी सहयोगी धनंजय मुंडे का समर्थन करते नजर आए थे। उन्होंने कहा था कि जब तक जांच में कोई ठोस सबूत नहीं मिलता, तब तक मुंडे से इस्तीफा लेने की जरूरत नहीं है। हालांकि, सूत्रों का कहना है कि फडणवीस के दबाव और सरकार की एकजुटता बनाए रखने की जरूरत ने पवार को अपना रुख बदलने पर मजबूर किया। बीते सोमवार को विधान परिषद के बजट सत्र के बाद फडणवीस और मुंडे की मुलाकात के बाद यह तय माना जा रहा था कि इस्तीफे का फैसला जल्द लिया जाएगा। इसके अलावा, अजित पवार के बंगले ‘देवगिरी’ पर देर रात हुई एनसीपी नेताओं की बैठक में भी इस मुद्दे पर गहन चर्चा हुई, जिसमें पवार को यह समझाया गया कि मुंडे का इस्तीफा पार्टी और सरकार दोनों के हित में होगा।
गत दिसंबर में जब महाराष्ट्र के एक गांव के सरपंच संतोष देशमुख को प्रताड़ित किया जा रहा था और उनकी हत्या की जा रही थी, तब हमलावरों ने 15 वीडियो रिकॉर्ड किए थे, आठ तस्वीरें खींची थीं और दो वीडियो कॉल भी किए। पुलिस अधिकारियों ने आरोपपत्र में ये बातें कही हैं। ये वीडियो और तस्वीरें पिछले सप्ताह बीड जिले की एक अदालत में अपराध जांच विभाग (सीआईडी) द्वारा पेश किये गये आरोपपत्र का हिस्सा हैं। एक अधिकारी ने आरोपपत्र का हवाला देते हुए बताया कि वीडियो महेश केदार नामक एक आरोपी के स्मार्टफोन से शूट किए गए थे और उनकी अवधि दो सेकेंड से 2.04 मिनट तक है।
सरपंच हत्याकांड में आरोपियों द्वारा रिकॉर्ड किए गए वीडियो के स्क्रीनशॉट वायरल होने के बाद, आज सुबह से ही बीड जिले के कई इलाकों में बंद का माहौल है। ये स्क्रीनशॉट और वीडियो अब चार्जशीट का हिस्सा हैं। ये पिछले साल दिसंबर में सरपंच संतोष देशमुख की हत्या की क्रूरता को दर्शाते हैं। एक वीडियो में सुदर्शन घुले सहित पांच आरोपी देशमुख को सफेद पाइप और लकड़ी के डंडे से पीटते और लात-घूंसे मारते हुए दिखाई दे रहे हैं। वीडियो में देशमुख को अर्धनग्न अवस्था में दिखाया गया है और उन्हें जमीन पर बैठने के लिए मजबूर किया गया है। वीडियो के दूसरे स्क्रीनशॉट में आरोपी सुदर्शन घुले देशमुख को यह नारा लगाने के लिए मजबूर करते हुए दिखाई दे रहे हैं कि “सुदर्शन घुले सभी के बाप हैं।” चार्जशीट के अनुसार, एक अन्य आरोपी सरपंच पर पेशाब करता है, जिसके शरीर से बहुत खून बह रहा है।
दूसरी ओर, विपक्ष इस मुद्दे पर लगातार हमलावर है। विपक्ष का कहना है कि यह इस्तीफा सरकार पर बढ़ते दबाव का नतीजा है। मंत्री धनंजय मुंडे के इस्तीफे की खबरों के बाद शिवसेना (UBT) सांसद संजय राउत ने कहा कि घटना के 24 घंटे बाद ही उन्हें मंत्रिमंडल से हटा दिया जाना चाहिए था और अब संतोष देशमुख हत्या मामले में मुंडे के खिलाफ आरोपी के रूप में मामला दर्ज किया जाना चाहिए।