रिलेशनशिप के लिए एक टर्म यूज होता है स्टोनवालिंग। जिसका मतलब बहुत ही सीधा है और अक्सर पति-पत्नी के रिश्तों में ये आदत देखने को मिलती है। इस आदत का असर लांग टर्म में पड़ता है और जीवनसाथी के लिए मन में बुरी भावना आने लगती है और प्यार खत्म होने लगता है। जान लें क्या है स्टोनवालिंग और कैसे रिश्ते में खत्म कर देती है प्यार।
क्या है स्टोनवालिंग
स्टोनवालिंग का मतलब है कम्यूनिकेशन से इंकार। अगर किसी भी तरह के झगड़े के बाद पति या पत्नी में से कोई एक बातचीत करना बंद कर देता है और कुछ भी बात नहीं करता तो ये स्टोनवालिंग बोली जाती है। जब पार्टनर जानबूझकर बात करने से बचे, आई कॉन्टेक्ट ना रखे, पार्टनर की फीलिंग को ना समझें या डिस्कसन करने की बजाय वहां से चला जाए तो ये स्टोनवालिंग है। पति-पत्नी के बीच हुए लड़ाई-झगड़े के बाद इस तरह की हरकत का लांग टर्म में गहरा असर होता है। शादीशुदा रिश्ते में पार्टनर की ऐसी हरकते एक दूसरे के प्रति इमोशनली कमजोर बना देती है।
स्टोनवालिंग के नुकसान
जब पार्टनर चुप हो जाते हैं और झगड़ों को रिसॉल्व नहीं करते हैं, तो दूसरे जीवनसाथी के मन में निगेटिव इफेक्ट पड़ता है और उसकी भावनाओं को चोट पहुंचती है। लेकिन पार्टनर अगर इस सिचुएशन में बात करने, झगड़ों को सुलझाने की बजाय इग्नोर करता है। तो इसका असर फीलिंग्स पर पड़ता है। लांग टर्म में पार्टनर के मन में स्टोनवालिंग करने वाले पार्टनर के प्रति प्यार और सहानुभूति जैसी भावनाएं खत्म होने लगती है। जिसकी वजह से रिश्तों पर भी असर पड़ता है और कई बार यहीं वजहें शादी टूटने की होती हैं। स्टोनावालिंग की वजह से पार्टनर एक दूसरे के प्रति इमोशनल अटैच नहीं हो पाते क्योंकि बीती बात गहरे मन के अंदर धंसी रहती है और उसका सॉल्यूशन उनके पास नहीं होता। इसलिए कई सारे रिलेशनशिप एक्सपर्ट का कहना है कि किसी भी झगड़े या मनमुटाव को 72 घंटों के अंदर सुलझा लेना अच्छा होता है। ज्यादा लंबा वक्त झगड़े के कारण को बढ़ा सकता है।