इस्लामाबाद:पाकिस्तान में जारी सियासी घमासान पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई लगातार पांचवा दिन भी जारी है। विपक्ष सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लेकर बड़ी ही बेसब्री से इंतजार कर रहा है। हांलाकि विपक्ष चाहता है कि सुप्रीम कोर्ट इस बारे में जल्द से जल्द फैसला सुना दे। इस बीच सुप्रीम कोर्ट में इमरान खान के वकील ने कहा कि ये मामला पूरी तरह से नेशनल असेंबली का अंदरूणी मामला है। उन्होंने ये भी कहा कि 3 अप्रेल को लिया गया डिप्टी स्पीकर का फैसला पूरी तरह से सही है और संवैधानिक है।
इस बीच इमरान खान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने विपक्ष पर आरोप लगाते हुए कहा है कि उन्हें इमरान खान की बढ़ती शख्सियत पच नहीं रही थी, इसलिए उन्होंने ऐसा कदम उठाया। जियो टीवी पर लाइव पत्रकार वार्ता के दौरान कुरैशी ने सिलसिलेवार घटनाक्रम का जिक्र करते हुए विपक्ष के सभी आरोपों को खारिज किया है। उन्होंने ब्रसेल्स भेजे गए पाकिस्तान के राजदूत पर उठे सवालों को भी खारिज किया है।
कुरैशी ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि अमेरिका ने प्रधानमंत्री इमरान खान के रूस दौरे पर सवाल उठाए, जो मुनासिब नहीं थे। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान एक आजाद मुल्क है और उसके यूक्रेन से भी बेहतर रिश्ते हैं। उन्होंने ये भी कहा कि पीएम के रूस दौरे का यूक्रेन से कोई लेना देना नहीं था। अमेरिका को इसमें दखलअंदाजी नहीं करनी चाहिए थी।
सुप्रीम कोर्ट ने दूसरे दिन की सुनवाई में नेशनल असेंबली से 3 अप्रेल को हुई कार्यवाई का पूरा रिकार्ड भी तलब किया है। कोर्ट ने साफ कर दिया है कि वो केवल इस बात की सुनवाई कर रहा है कि जो फैसला डिप्टी स्पीकर ने दिया वो उनके अधिकार क्षेत्र में आता था या नहीं और वो कानूनी तौर पर ठीत था या नहीं। कोर्ट ने ये भी साफ कर दिया है कि स्टेट या केंद्र के पालिसी मैटर में वो अपना हस्तक्षेप नहीं करने वाला है।
इमरान खान ने सुप्रीम कोर्ट से दूसरे देश की तरफ से आंतरिक मामले में हस्तक्षेप के लिए लिखे गए धमकी वाले पत्र के मामले की न्यायिक जांच कराने की मांग करेंगे। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक वो सुप्रीम कोर्ट से इसकी जांच को एक हाईलेवल कमीशन बनाने की अपील कर सकते हैं।
आपको बता दें कि बुधवार को सेना की तरफ से कहा गया था कि विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव में विदेशी ताकत की कोई भूमिका नहीं है। सेना का ये बयाना इसलिए बेहद खास है क्योंकि इमरान खान अब तक देश और दुनिया को इसी बात का विश्वास दिलाने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने इस बाबत एक पत्र का जिक्र किया था जिसका सेना और अमेरिका दोनों ही खंडन कर चुके हैं। इस बीच एक सर्वे में देश के 64 फीसद लोगों देश में बढ़ती महंगाई और सरकार की विफलता है। सुप्रीम कोर्ट ने इमरान खान से नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल की बैठक का पूरा ब्योरा भी मांगा है।