नोएडा:नोएडा के सेक्टर-93ए में बने सुपरटेक एमरॉल्ड कोर्ट में बने ट्विन टावर को ध्वस्त करने के लिए रोजाना बारूद पलवल से आया करेगा। इसको लाने के लिए यमुना और नोएडा-ग्रेनो एक्सप्रेसवे का इस्तेमाल किया जाएगा। ध्वस्तीकरण से करीब 15-20 दिन पहले टावरों में बारूद लगाने का काम शुरू कर दिया जाएगा। दूसरी ओर बुधवार को एक्सप्लोसिव विभाग के आगरा रेंज के ज्वाइंटर चीफ कंट्रोलर ने टावरों का निरीक्षण किया। एजेंसी से किस-किस फ्लोर पर कितना बारूद चाहिए, इसकी पूरी सूची मांगी है। इसके अलावा बारूद को आपस में जोड़ने के लिए कैसे कनेक्शन करेंगे, इसका पूरा स्केच डायग्राम मांगा है।
टावर ध्वस्तीकरण का जिम्मा संभाल रही एडीफाइस एजेंसी ने बारूद लेने के लिए कंपनी का चयन कर लिया है। एडीफाइस एजेंसी के हेड उत्कर्ष मेहता ने बताया कि पलवल स्थित अल्फा इंटरप्राइजेज कंपनी का चयन किया गया है। यह कंपनी नागपुर स्थित सोलर एक्सप्लोसिव कंपनी से बारूद खरीद कर लाएगी। इसके लिए कंपनी से सहमति हो गई है। वहां से बारूद लाकर पलवल स्थित अधिकृत स्टोर में पीएसी-पुलिस की देखरेख में रखा जाएगा। रोजाना की जरूरत के मुताबिक पलवल से बारूद टावर में लगाने के लिए लाया जाएगा। जितना बच जाएगा, उसको वापस भेज दिया जाएगा। पलवल से नोएडा की दूरी करीब 100 किलोमीटर है।
उन्होंने बताया कि 22 मई को टावरों का ध्वस्तीकरण प्रस्तावित है। ऐसे में 15-20 दिन पहले बनाए गए होल में बारूद फिट करने का काम शुरू कर दिया जाएगा। बारूद लगाने के लिए करीब सात हजार होल किए जा रहे हैं। टावरों में लगने वाले बारूद का अनुमान लगाने के लिए 10 अप्रैल को ट्रायल किया जाएगा। एक्सप्लोसिव विभाग के आगरा रेंज के ज्वाइंट चीफ कंट्रोलर वीके मिश्रा व उनकी टीम ने टावरों का आकर निरीक्षण किया। यहां पूरे परिसर में घूमकर बारूद लगाने के लिए किए जा रहे होल की स्थिति देखी। ज्वाइंट चीफ कंट्रोलर ने एजेंसी के पदाधिकारियों से पूरी प्रक्रिया को समझा। उन्होंने निर्देश दिया कि किताना बारूद कहां-कहां फिट किया जाएगा और कितना चाहिए होगा, इसकी पूरी सूची बनाकर दें। इसके अलावा इस बारूद को आपस में कैसे कनेक्ट करेंगे, इसका भी स्केच डायग्राम बनाकर चाहिए। करीब दो घंटे तक एक्सप्लोसिव विभाग की टीम ने यहां रुककर टावरों के ध्वस्तीकर से जुड़ी जानकारी हासिल की।
स्मॉग गन की संख्या बढ़ाएं
प्रदूषण विभाग के अधिकारियों ने भी ट्विन टावर आकर मौके पर चल रहे निर्माण कार्य से हो रही धूल की स्थिति का जायजा लिया। यहां प्रदूषण विभाग के अधिकारियों ने यहां एंटी स्मॉग गन की संख्या और बढ़ाने के निर्देश दिए। अभी यहां एक मशीन लगी हुई है। इसके अलावा लोगों को धूल से बचाने के लिए सुपरटेक एमरॉल्ड कोर्ट परिसर में कुल तीन टावरों को पूरी तरह ग्रीन नेट से ढकने के निर्देश दिए। अभी तक एक ही टावर को ढकने की योजना थी। एटीएस विलेज सोसाइटी की ओर दो टावरों को ग्रीन नेट से ढकने का काम पूरा कर लिया गया है। टावर ध्वस्तीकरण वाले दिन निकलने वाले मलबे के निस्तारण की योजना बनाने के भी निर्देश दिए।
यातायात व्यवस्था की स्थिति देखी
टावरों का निरीक्षण करने बुधवार को यातायात व सिविल विभाग के पुलिस अधिकारी भी पहुंचे। डीसीपी हेड क्वार्टर मिनाश्री कात्यायन व डीसीपी यातायात गणेश साहा ने मौके पर आकर व्यवस्थाओं का जायजा लिया। एडीफाइस एजेंसी की ओर से टावर ध्वस्तीकरण वाले दिन टावर के सामने की दो रोड व नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेस वे को करीब आधा घंटे तक बंद करने का प्लान बताया। इस बारे में डीसीपी यातायात ने बताया कि एजेंसी ने यातायात से जुड़ी योजना है। अब पुलिस अपने स्तर से इसका अध्ययन कर नए सिरे से प्लान तैयार करेगी और उसी को 22 मई को लागू कराया जाएगा।