इंदौर: अनंत श्री विभूषित महामंडलेश्वर स्वामी चिदम्बरानन्द सरस्वती जी महाराज, श्री पंचायती अखाड़ा व अध्यक्ष, अखिल भारतीय संत समिति के ख़िलाफ़ कुत्सित व् अत्यंत कुंठित मानसिकता से ग्रसित एक व्यक्ति ने सोशल मीडिया पर बयान बाज़ी कर खुद को प्रख्यात करने का अनर्गल प्रयास किया है।
भारत भूषण गौड़ नामक इस व्यक्ति ने स्वामी चिदम्बरानन्द को गाली-गलौज करते हुए उनके विरुद्ध अमर्यादित टिप्पणी की हैं। इस मामले में देश भर के संतों ने स्वामी चिदम्बरानन्द के समर्थन में एक स्वर में अपनी आवाज़ मुखर की है। उनका कहना है कि एक संत जिन्होंने वर्षों से सनातन संस्कृति के प्रचार, हिन्दू एकीकरण व् राष्ट्रीय-धार्मिक-सामाजिक सुधार हेतु अपना संपूर्ण जीवन न्यौछावर कर दिया, उनके खिलाफ ऐसी अभद्र व् अपमानजनक टिप्पणी के द्वारा धार्मिक भावनाएं भड़काने का प्रयास किया जा रहा है जिस पर त्वरित सख़्त कार्रवाई की जाने की आवश्यकता है।
अभी हाल ही में एक न्यूज़ चैनल पर साक्षात्कार के दौरान स्वामी चिदम्बरानन्द जी ने गांधी परिवार की असलियत से सभी को रूबरू कराया था। आशंका यह भी जताई जा रही है कि कड़वी सच्चाई का पर्दाफ़ाश करने के चलते गुर्गों ने इस प्रकार की घिनौनी साजिश को अंजाम देना शुरू कर दिया है।
ऑन द डॉट के सूत्रधार-संस्थापक आदित्य तिक्कू ने इस सन्दर्भ में अपना रोष प्रकट करते हुए कहा कि मैंने महामंडलेश्वर स्वामी चिदम्बरानन्द जी महाराज के साथ लगभग 12 वर्षों से निरंतर राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कार्य किया है और उनके जैसा राष्ट्र के लिए पूर्ण रूप से समर्पित, ईमानदार व् मुखर व्यक्ति नहीं देखा। निश्चित रूप से स्वामी चिदम्बरानन्द जी की प्रभावशाली छवि को तार-तार करने व् उनको बदनाम करने के उद्देश्य से यह कुचक्र रचा जा रहा है जिसमें किसी राष्ट्र व् सनातन धर्म विरोधी रैकेट की भूमिका स्पष्ट रूप से सामने आ रही है। ये वही संकीर्ण ओछी मानसिकता के लोग हैं जो ज़रा से रूपये की लालसा में अल्लाह के नाम पर या अज़ान के लिए हिन्दू कथाओं को रोकने का दुष्कर्म करने वाले अधर्मियों के विरूद्ध एक शब्द नहीं बोल पाते। एक सच्चा देश भक्त भारत माता के लिए, अपने देश, अपने धर्म संस्कृति के लिए निःस्वार्थ भाव से ख़ून-पसीना एक कर रहा है, तो उसके मार्ग को रोकने हेतु घटिया षड्यंत्र रच, उसको मानसिक, शारीरिक, सामाजिक, आर्थिक हर स्तर पर नुकसान पहुंचा कर, बदनाम कर उसे ख़त्म करने का एक मौका नहीं छोड़ते।
स्वामी चिदम्बरानन्द जी ने अपने सोशल मीडिया प्रोफ़ाइल पर इस मामले में अपने विचार प्रकट करते हुए लिखा, “राष्ट्र धर्म के पक्ष में मैं, तब से मुखर हूँ जब प्रायः एक भी वक्ता, कथाकार, संत, महात्मा खुलकर नहीं बोलते थे। तब से ही एक वर्ग मुझे अनगिनत गालियां देता रहा है पर मैंने कभी उनकी चिंता नहीं की व् अपने कार्यों में सतत संलग्न रहा। मेरे कार्यों के सुखद परिणाम भी प्राप्त हुए जिसमें सर्वाधिक प्रमुख पवित्र व्यासपीठ से विधर्मी गुणगान का समाप्त हो जाना है पर इतने वर्षों में इतनी घृणित टिप्पणी किसी ने नहीं की। मैंने आज तक किसी भी व्यक्ति को उसके निजी जीवन या उसके व्यक्तित्व पर कोई टिप्पणी नहीं की। पर ऐसे अमर्यादित-अधर्मी लोगों ने मुझे जान से मार डालने तक की धमकियां दी पर मैं न कभी हार मानने वाला था, न हूँ और न कभी मानूंगा।
स्वामी जी के खिलाफ़ ऐसे घिनौने बयान पर देश और प्रदेशवासियों से लेकर संत समाज में अत्यंत आक्रोश है। अमर्यादित टिप्पणी करने वाले व्यक्ति की तत्काल गिरफ्तारी और आपराधिक षड्यंत्र रचने के लिए एफआईआर की मांग की जा रही है।
ग़ौरतलब है, मात्र 11 वर्ष की आयु में अपने घर को छोड़ स्वामी चिदम्बरानन्द गुरु की शरण में आये और 05 वर्ष निरंतर सेवा, साधना व् स्वाध्याय के बाद उन्होंने अकेले ही पूरे भारत में सनातन धर्म व् संस्कृति के प्रचार-प्रसार का संकल्प लिया और इस दिशा में आगे बढ़े व वैश्विक स्तर पर अमेरिका और यूरोप में भी स्वामी जी ने भारी मात्रा में लोगों को सनातन धर्म से जोड़ा। इसके साथ ही घर वापसी (वैदिक पद्धति से धर्मांतरण) के इच्छुक अनेकों मुस्लिमों व ईसाइयों को खुले हृदय से सनातन धर्म में शामिल भी किया।