‘कलम की ताकत’ को ख़त्म करना ही है उनका ‘एजेंडा’….
पिछले एक दशक में औसतन हर चार दिन में एक पत्रकार की हत्या हुई है। 2016 के बाद से हर साल संघर्ष क्षेत्रों के बाहर अधिक पत्रकार मारे गए हैं, ...
पिछले एक दशक में औसतन हर चार दिन में एक पत्रकार की हत्या हुई है। 2016 के बाद से हर साल संघर्ष क्षेत्रों के बाहर अधिक पत्रकार मारे गए हैं, ...