डेस्क:प्रशांत महासागर में चीन की हरकतों से तनाव एक बार फिर बढ़ गया है। चीन ने मंगलवार को ताइवान में बड़े पैमाने पर संयुक्त सैन्य अभ्यास शुरू कर दिया है जिससे क्षेत्र में हलचल शुरू हो गई है। चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के पूर्वी थिएटर कमांड ने ताइवान द्वीप के आसपास संयुक्त अभ्यास करना शुरू कर दिया है। सरकारी समाचार एजेंसी सिन्हुआ के हवाले से बताया गया है कि चीन ने ताइवान में अपनी सेना, नौसेना, वायु सेना सहित कई रॉकेटों और मिसाइलों की तैनाती की है।
गौरतलब है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के शपथ लेने के बाद यह पहली बार है जब चीन ने ताइवान के खिलाफ इतने बड़े स्तर पर सैन्य अभ्यास शुरू किया है। ताइवान के रक्षा मंत्रालय ने कहा है कि उसने 13 चीनी युद्धपोतों, 71 सैन्य विमानों और चार तट रक्षक जहाजों का पता लगाया है।
चीन ने हाल ही में अमेरिका और जापान के बीच हुई अहम बैठक के ठीक बाद यह कदम उठाया है। रविवार को अमेरिकी रक्षा सचिव पीट हेगसेथ की जापान यात्रा के दौरान जापान और अमेरिका ने क्षेत्र में चीन की बढ़ती आक्रामकता के बीच इस साझेदारी को मजबूत करने पर जोर दिया था। हेगसेथ ने कहा था कि अमेरिका चीन की बढ़ती आक्रामकता के सामने जापान के साथ खड़ा है। अमेरिकी रक्षा सचिव ने यह भी कहा है कि उनका देश ताइवान सहित पूरे इंडो-पैसिफिक में चीन का मजबूती से सामना करेगा।
वहीं हेगसेथ की टिप्पणियों पर प्रतिक्रिया देते हुए चीन ने कहा था कि अमेरिका इस क्षेत्र पर टिप्पणी कर वैचारिक विरोध को और भड़का रहा है। चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गुओ जियाकुन ने मंगलवार को मीडिया को बताया कि चीन को खतरा बताकर और इसे बहाने के तौर पर इस्तेमाल करके, अमेरिका वैचारिक विरोध को भड़का रहा है और विभाजन की नीति को बढ़ावा दे रहा है। वहीं ताइवान से जुड़े सवालों का जवाब देते हुए उन्होंने कहा, “हम अमेरिका के लोगों से कहना चाहते हैं कि वे चीन पर कंट्रोल करने के लिए ताइवान का इस्तेमाल करने का भ्रम दिमाग ने निकाल दें।”