जम्मू: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को जम्मू कश्मीर में बीजेपी का चुनावी बिगुल फूंक दिया है। जम्मू में एक रैली को संबोधित करते हुए अमित शाह ने विधानसभा चुनाव के बाद जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा देने का आश्वासन दिया है। नेशनल कॉन्फ्रेंस-कांग्रेस गठबंधन पर निशाना साधते हुए शाह ने आरोप लगाया कि वे जम्मू-कश्मीर को एक बार फिर आतंकवाद की आग में झोंकने की कोशिश कर रहे हैं जबकि सरकार ने केंद्र शासित प्रदेश में आतंकवादी घटनाओं में 70 प्रतिशत की कमी ला दी है। शाह ने पार्टी कार्यकर्ताओं से कहा, “नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस कभी भी जम्मू-कश्मीर में सरकार नहीं बना पाएंगे इस बारे में आश्वस्त रहें।”
गृह मंत्री शाह ने यह भी कहा है कि यह भारत के झंडे और संविधान के तहत होने वाले ये पहले चुनाव हैं और इसीलिए यह एक ऐतिहासिक मौका है। इस दौरान उन्होंने कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस पर पुरानी व्यवस्था को लागू करने की कोशिश का भी आरोप लगाया है। शाह 18 सितंबर से शुरू होने वाले तीन चरणों के विधानसभा चुनावों के लिए बीजेपी के चुनाव अभियान की शुरुआत करने के लिए दो दिवसीय दौरे पर जम्मू में हैं।
कांग्रेस छिनना चाहती है पहाड़ियों दलितों का आरक्षण- शाह
अमित शाह ने रैली को संबोधित करते हुए कहा है कि कांग्रेस पार्टी गुज्जर, पहाड़ी, बकरवाल और दलितों का आरक्षण छिनना चाहती है। उन्होंने कहा, “राहुल बाबा चाहे जितना भी दम लगा लो हम गुज्जर, पहाड़ी, बकरवाल और दलितों के आरक्षण को हाथ नहीं लगाने देंगे। 370 हटने के बाद 70 साल के बाद जम्मू कश्मीर की महिलाओं को अधिकार मिला है। कांग्रेस एनसी ये अधिकार छिनना चाहती है।”
पहली बार एक झंडे के तहत चुनाव- अमित शाह
उन्होंने शुक्रवार को अपने दौरे के पहले दिन पार्टी का घोषणापत्र जारी किया और चुनावी रणनीति पर चर्चा करने के लिए वरिष्ठ नेताओं के साथ बैठकों की अध्यक्षता भी की। शनिवार को यहां बीजेपी कार्यकर्ताओं की एक रैली में गृह मंत्री ने कहा, “जम्मू-कश्मीर में आने वाले चुनाव ऐतिहासिक हैं क्योंकि आजादी के बाद पहली बार चुनाव हमारे राष्ट्रीय ध्वज और संविधान के तहत हो रहे हैं। पहले दो झंडे और दो संविधान हुआ करते थे। कश्मीर से कन्याकुमारी तक हमारे सिर्फ एक ही प्रधानमंत्री है और वह मोदी जी हैं।”