पटना:राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के मुखिया लालू प्रसाद यादव ने रविवार को अपने बड़े बेटे तेज प्रताप यादव को पार्टी से छह वर्षों के लिए निष्कासित कर दिया। यह फैसला तेज प्रताप की निजी जिंदगी से जुड़ी हालिया सोशल मीडिया गतिविधियों के बाद लिया गया है। बीते दिनों तेज प्रताप यादव का एक फेसबुक पोस्ट सामने आया था, जिसमें उन्होंने ‘अनुष्का यादव’ नामक युवती के साथ रिश्ते में होने का दावा किया था। हालांकि, बाद में उन्होंने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर सफाई देते हुए कहा कि उनका फेसबुक अकाउंट हैक कर लिया गया था।
इस पूरे प्रकरण पर अब केंद्रीय मंत्री और हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) के संरक्षक जीतन राम मांझी ने तीखा हमला बोला है। उन्होंने लालू परिवार की ‘संस्कार’ और ‘मर्यादा’ की बातों पर सवाल उठाते हुए कहा कि यदि यही मर्यादा और मूल्य होते, तो ऐश्वर्या राय (तेज प्रताप की पूर्व पत्नी) के साथ हुए व्यवहार पर भी कार्रवाई की जाती।
मांझी ने एक्स पर लिखा, “जब राबड़ी देवी ने ऐश्वर्या को बेरहमी से पीटकर घर से निकाल दिया था, तब लालू जी के संस्कार क्यों नहीं जागे? अगर उस समय तेज प्रताप को परिवार और पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाया गया होता, तभी आपकी मर्यादा और नैतिकता की बातों पर लोग भरोसा करते।”
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि राजद और लालू परिवार हर फैसला सियासी लाभ-हानि को ध्यान में रखकर करता है। मांझी ने कहा, “अगर बिहार में कुछ महीनों बाद चुनाव न होने होते, तो तेज प्रताप आज भी लालू जी की गोद में बैठे होते। तेज प्रताप के हर कुकृत्य को अब तक लालू और राबड़ी देवी का संरक्षण मिलता रहा है।”
राजनीतिक हलकों में तेज प्रताप की निष्कासन को आगामी चुनावों के मद्देनज़र राजद की छवि सुधारने की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है। वहीं मांझी के तीखे बयान ने लालू परिवार के भीतरुनी मामलों को एक बार फिर सियासी बहस के केंद्र में ला दिया है।