डेस्क:तेलंगाना के सुरंग हादसे में पिछले नौ दिनों से फंसे आठ लोगों को अब तक सुरक्षित बाहर निकालना संभव नहीं हो पाया है। घटनास्थल पर गाद हटाने के प्रयासों को तेज कर दिया गया है और बचाव कार्य में और अधिक कर्मियों और उपकरणों की तैनाती की गई है। हालांकि, लगातार पानी का रिसाव बचाव कार्य के लिए बड़ी चुनौती बना हुआ है।
मुख्यमंत्री ए. रेवंत रेड्डी ने बताया कि सुरंग के अंदर फंसे लोगों का सटीक स्थान अभी तक पता नहीं चल पाया है। उन्होंने कहा कि सरकार बचाव अभियान को तेज करने के लिए पूरी कोशिश कर रही है। रविवार को मुख्यमंत्री ने दुर्घटनास्थल का दौरा किया और बाद में पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि क्षतिग्रस्त कन्वेयर बेल्ट की मरम्मत के बाद बचाव कार्य में तेजी आने की उम्मीद है। कन्वेयर बेल्ट के सोमवार तक ठीक हो जाने की संभावना है, जिससे गाद और मलबा हटाने में मदद मिलेगी।
रेवंत रेड्डी ने कहा, “बचाव कर्मियों के पास सुरंग के अंदर फंसी मशीनों और लोगों के बारे में केवल प्रारंभिक अनुमान हैं, लेकिन स्थिति पूरी तरह से स्पष्ट नहीं है।” सरकार ने अधिकारियों से कहा है कि अगर जरूरी हो, तो बचाव कार्य में रोबोट का भी इस्तेमाल किया जाए, ताकि किसी भी खतरे से बचा जा सके।
वर्तमान में, बचाव कार्य में केंद्र और राज्य सरकार की 18 एजेंसियों के लगभग 700 कर्मचारी लगे हुए हैं। प्रत्येक शिफ्ट में कम से कम 120 कर्मचारी बचाव कार्य में जुटे हैं। इस बीच, भाजपा के कुछ विधायक भी घटनास्थल पर जाकर स्थिति का आकलन कर रहे हैं। विधायक महेश्वर रेड्डी ने कहा कि यह दुर्घटना राज्य सरकारों के कुप्रबंधन के कारण हुई है, और लापरवाही की वजह से आठ श्रमिकों की जान खतरे में पड़ी है।