डेस्क:दुनिया की सबसे बड़ी कॉल सेंटर ऑपरेटर कंपनी टेलीपरफॉर्मेंस भारतीय एक्सेंट को “न्यूट्रलाइज” करने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का उपयोग कर रही है। द टेलीग्राफ की एक रिपोर्ट के अनुसार, कंपनी रियल-टाइम AI सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल कर भारतीय ग्राहक सेवा एजेंटों के एक्सेंट को बदल रही है ताकि संचार को और स्पष्ट बनाया जा सके और ग्राहक अनुभव को बेहतर किया जा सके।
फ्रांस की इस बहुराष्ट्रीय कंपनी के भारत में लगभग 90,000 कर्मचारी हैं और अन्य देशों में भी हजारों लोग कार्यरत हैं, जो यूके सरकार, NHS, वोडाफोन और eBay जैसे प्रमुख ग्राहकों को सेवाएं प्रदान करते हैं। इस AI-आधारित तकनीक को पैलो ऑल्टो स्थित स्टार्टअप ‘Sanas’ द्वारा विकसित किया गया है, जिसमें बैकग्राउंड नॉइज़ कैंसलेशन की सुविधा भी शामिल है, जो ऑफिस की बातचीत, सायरन और यहां तक कि मुर्गे की आवाज़ जैसी रुकावटों को फ़िल्टर करके कॉल की गुणवत्ता में सुधार करती है।
टेलीपरफॉर्मेंस के मार्कस श्मिट ने निवेशकों को बताया,
“यह एक तकनीक है जो बिना डेटा स्टोरेज के वास्तविक समय में एक्सेंट को न्यूट्रलाइज करने की अनुमति देती है।”
उन्होंने आगे कहा,
“हमने सबसे पहले भारत में क्लाइंट्स के साथ Sanas को लागू किया। कभी-कभी भारतीय एजेंट और अमेरिकी ग्राहकों के बीच संवाद में कठिनाई होती है, और यह तकनीक इसे आसान बनाती है।”
Sanas का दावा है कि उसकी AI तकनीक एक्सेंट-आधारित भेदभाव को कम करने और ग्राहक अनुभव को बेहतर बनाने के उद्देश्य से विकसित की गई है। टेलीपरफॉर्मेंस ने इस अमेरिकी कंपनी में निवेश भी किया है, जिससे उसकी कॉल डेटा AI मॉडल को और विकसित करने में मदद करेगी।
सोशल मीडिया पर मिली-जुली प्रतिक्रियाएँ
इस खबर के वायरल होने के बाद सोशल मीडिया यूजर्स ने इस तकनीक को लेकर मिली-जुली प्रतिक्रियाएँ दीं।
एक यूजर ने लिखा,
“मुझे भारतीय एक्सेंट से कोई दिक्कत नहीं है। मैं बस यह चाहता हूं कि कोई असली इंसान मेरी मदद करे और सही जानकारी दे।”
एक अन्य यूजर ने कहा,
“मुझे नहीं लगता कि यह किसी समस्या का हल है। मैं बस यह चाहता हूँ कि मुझे कोई ठगने की कोशिश न करे।”
वहीं, तीसरे यूजर ने लिखा,
“मैं असली व्यक्ति से असली एक्सेंट में बात करना पसंद करूंगा।”
AI चैटबॉट्स के बढ़ते उपयोग के बीच, जो एक साथ कई ग्राहक प्रश्नों को संभाल सकते हैं, कॉल सेंटर कंपनियों पर नई तकनीकों को अपनाने का दबाव लगातार बढ़ रहा है।