नई दिल्ली:राजनीति से जुड़े किस्से कई बार काफी दिलचस्प होती हैं। ऐसा ही एक किस्सा केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गड़करी ने एक कार्यक्रम के दौरान बताया। उन्होंने बताया कि कैसे धीरूभाई अंबानी ने उन्हें सड़क बनाने का चैलेंज किया था और कैसे उन्होंने उस चैलेंज को पूरा किया। ये मामला सन 1995 का है जब नितिन गड़करी मंत्री हुआ करते थे। नितिन गडकरी ने बताया कि मुंबई पूना एक्सप्रेस वे के लिए उन्होंने धीरूभाई अंबानी का टेंडर रिजेक्ट कर दिया था।
नितिन गड़करी ने कहा- मुंबई-पुणे हाईवे के लिए धीरूभाई अंबानी ने 3600 करोड़ का टेंडर भेजा था जो मैने रिजेक्ट कर दिया। धीरूभाई काफी बड़े दिल के इंसान थे। उन्होंने मुझे बुलाया और वो टेंडर रिजेक्ट होने की वजह से वो काफी नाराज भी थे। मैने उनसे कहा कि आप 2 हजार करोड़ में बनाते हैं तो ये टेंडर में आपको देता हूं। इसके जवाब में उन्होंने कहा कि सरकार की क्या औकात है, आप क्या रोड़ बनाएंगे? ये आपके लिए संभव नहीं है। आप बेकार जिद कर रहे हैं, अगर आप रोड़ बना लेते हैं तो मैं आपका बहुत अभिनंदन करूंगा।
गडकरी ने आगे कहा- मैने धीरूभाई से कहा कि धीरूभाई मैं बहुत छोटा आदमी हूं, मैं प्रयास करूंगा। अगर मैने रोड़ बना ली तो आप क्या शर्त लगाएंगे? बाद में जब रोड़ का काम शुरू हुआ तो धीरूभाई काम देखने भी गए। नितिन गड़करी के मुताबिक वही काम हमने दो साल के समय में 1600 करोड़ की लागत से किया। इस तरह हमने देश का दो हजार करोड़ रुपये बचाया। धीरूभाई इतने अच्छे थे कि उन्होंने मुझे बुलाकर कहा कि नितिन तुम जीत गए, मैं हार गया।