वैशाख शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को अक्षय तृतीया का पावन पर्व मनाया जाता है। इस वर्ष जिले भर में अक्षय तृतीया 22 अप्रैल को मनाया जाएगा। जबकि सनातन पंचाग में अक्षय तृतीया का विशेष महत्व है। इस पर्व के दिन भगवान विष्णु व माता लक्ष्मी का विशेष पूजा करने का विधान है। इस वर्ष अक्षय तृतीया पर छह महायोग का निर्माण हो रहा है। जो इस तिथि को और सार्थक बना रहा है। पं. मार्केण्डेय दूबे के अनुसार इस वर्ष आयुष्मान योग, सौभाग्य योग, त्रिपुष्कर योग, रवि योग, सर्वार्थसिद्धि योग व अमृतसिद्धि योग बन रहे हैं।
उन्होंने बताया अक्षय तृतीया को सिर्फ योग ही नहीं बल्कि नक्षत्र भी प्रभावशाली बना रहे हैं। 22 अप्रैल शनिवार को कृतिका नक्षत्र पूरे दिन रहेगा । जबकि रोहिणी नक्षत्र रात्रि 11.24 बजे से अगले दिन तक प्रभावी रहेगा। अक्षय तृतीया के दिन पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 07 बजकर 49 मिनट से दोपहर 12 बजकर 20 मिनट तक है। अक्षय तृतीया पर पूजा का मुहूर्त साढ़े चार घंटे तक है। वहीं सोना खरीदने का शुभ मुहूर्त सुबह 07.49 मिनट से शुरू होकर दुसरे दिन सुबह 05.48 मिनट तक है। इस दिन सोना खरीदारी का मुहूर्त करीब 22 घंटे तक है।
इस तिथि को लोग सोना चांदी समेत अन्य धातु की खरीदारी के अलावे प्रोपर्टी की भी खरीददारी करते रहे हैं।