उज्जैन:मध्य प्रदेश के उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर में बने महाकाल लोक की मूर्तियों बीते दिनों तेज आंधी के चलते नीचे गिर गईं। इस दौरान छह मूर्तियां बुरी तरह खंडित हो गईं। वहीं कुल 11 मूर्तियों में दरारें आ गई हैं। अब मध्य प्रदेश के लोकायुक्त ने इस मामले को लेकर स्वत: संज्ञान लिया है। एक अधिकारी ने बताया कि लोकायुक्त के स्वत: संज्ञान के बाद महाकाल लोक में मूर्तियों के गिरने और खंडित होने की जांच शुरू की गई है।
गौरतलब है कि मूर्तियों के खंडित होने के बाद कांग्रेस ने भारतीय जनता पार्टी पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था। वहीं भाजपा ने कहा कि मूर्तियां फाइबर प्रबलित पॉलिमर (FRP) से बनी हैं जो तेज हवाओं के कारण गिर गईं। ऐसे में अब लोकायुक्त न्यायमूर्ति एनके गुप्ता ने इस पूरे केस की जांच करने का आदेश दिया है। लोकायुक्त की एक टीम महाकाल लोक का दौरा करेगी। जांच पूरा करने के बाद लोकायुक्त को रिपोर्ट सौंपी जाएगी।
लोकायुक्त की टीम यह जांच करेगी कि मूर्तियां बनाने वाली कंपनी की क्या जिम्मेदारी है? क्या कंपनी ने मूर्तियों को बनाने में खराब सामग्री इस्तेमाल किया? क्या इसमें भ्रष्टाचार शामिल है? एक अधिकारी ने बताया कि इस परियोजना में शामिल अधिकारियों से भी पूछताछ की जाएगी। यानी लोकायुक्त की जांच में अधिकारी भी रडार पर रहेंगे। बता दें कि मध्य प्रदेश में भाजपा की सरकार है। विपक्षी दल कांग्रेस ने भाजपा पर अटैक करते हुए भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है।
गौरतलब है कि मूर्तियों को स्थापिन करने का जिम्मा एमपी बाबरिया इंजीनियर्स एंड सिविल कॉन्ट्रैक्ट्स कंपनी को दिया गया था। यह कंपनी गुजरात की है। बता दें कि उज्जैन के जिला कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम ने बताया कि महाकाल लोक में नई मूर्तियां स्थापित की जाएंगी। ये मूर्तियां दो महीने के भीतर गुणवत्ता की जांच कर स्थापित होंगी।