फरवरी का महीना बच्चों के फाइनल एग्जाम का टाइम होता है। हर घर में स्ट्रेस वाला माहौल होता है। बच्चों को एग्जाम की तैयारी करवाने के लिए उनके पैरेंट्स भी दिन रात मेहनत करते हैं। इस बीच वो ये भूल जाते हैं कि एग्जाम की टेंशन में वो बच्चों को फ्रस्टेड कर रहे हैं। एग्जाम के टाइम बच्चों का टाइम टेबल तैयार कर रहे हैं तो उसमे बच्चों के लिए रिलैक्स करने और खेलने का टाइम भी जरूर निकालें। जिससे कि उनका मन पढाई में अच्छे तरीके से लगे। बच्चे का टाइम टेबल बना रही हैं तो उसमे इन बातों का ध्यान जरूर रखें।
-बच्चे का टाइम टेबल बनाते समय उसकी क्षमताओं का ध्यान रखें। बच्चे को उसी टाइम पर पढ़ने के लिए कहें जब उसका मन पढ़ने में लगे। बच्चा अगर रात को सोना चाहता है तो उसे सुबह पढ़ने को कहें। वहीं बच्चा अगर रात को पढ़ना चाहता है तो सुबह उसे पढ़ने का टाइम टेबल ना बनाएं।
-टाइम टेबल बनाने के बाद उसे पालन करने के लिए कहें।
-टाइम टेबल में पढ़ाई के साथ ही उसके खेलकूद का भी समय तय कर दें। जिससे कि कुछ देर वो खेलकर एंज्वॉय कर सके।
-बच्चे को रिलैक्स करने का भी मौका दें। जिससे कि वो स्ट्रेस में ना आए और एग्जाम की तैयारी अच्छे से कर सके।
-एग्जाम के टाइम टेबल के हिसाब से बच्चे की पढ़ाई का टाइम टेबल बनाएं। जिसमे दो दिन बाद जिस विषय का पेपर है उसके लिए अधिक टाइम और 10 दिन बाद वाले पेपर के लिए कम समय रखें।