चंडीगढ़:हरियाणा के नूंह में पहले और फिर गुरुग्राम और पलवर समेत कुछ अन्य जिलों में हिंसा भड़कने के मामले में राज्य के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर का बयान सामने आया है। सीएम खट्टर ने मीडिया से बातचीत में कहा कि हर एंगल से इस हिंसा की जांच हो रही है। सीएम ने आगे कहा कि सबकी सुरक्षा पुलिस नहीं कर सकती है। सीएम ने कि हर व्यक्ति की सुरक्षा पुलिस द्वारा करना संभव नहीं हो सकता है। इसलिए शांति का वातावरण बना रहे हैं ताकि शांति और सुरक्षा व्यवस्था बनी रही। खट्टर ने कहा कि 2,7 करोड़ की पर आबादी 60 हजार पुलिसकर्मी हैं तो कैसे सबकी सुरक्षा करें।
घटना को लेकर मीडिया से बातचीत में सीएम खट्टर ने आगे कहा कि दोषियों की पहचान की जा रही है। किसी भी दोषी को नहीं बख्शा जाएगा। उपद्रवियों से नुकसान की भरपाई की जाएगी। हिंसा की हर पहलू से जांच की जा रही है। सीसीटीवी, फोन कॉल से जांच हो रही है। इधर मोनू मानेसर पर सीएम खट्टर ने कहा कि राजस्थान पुलिस मोनू मानेसर पर कार्रवाई करे। राजस्थान पुलिस बजरंग दल के मोनू मानेसर के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए स्वतंत्र है, हरियाणा सरकार मदद करेगी। सीएम ने बताया कि अब तक 116 लोग गिरफ्तार किये गये हैं। सीएम ने कहा कि शहीद पुलिसकर्मियों को 57 लाख रुपये मुआवजा के तौर पर दिये जाएंगे।
नुकसान का कर रहे आंकलन – सीएम खट्टर
सीएम मनोहर लाल खट्टर ने कहा है कि हम पोर्टल के जरिए इस हिंसा में हुए नुकसान का आकलन कर रहे हैं। सीएम ने बताया कि हर हालात पर बारिकी से नजर रखी जा रही है और इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने लोगों से शांति की अपील भी की है। सीएम ने कहा कि हमारे पास 60 हजार जवान हैं, ऐसे में पुलिस हर व्यक्ति की सुरक्षा नहीं कर सकती। सीएम ने बताया कि उन्होंने अर्धसैनिक बलों की 4 अतिरिक्त कंपनियां मांगी हैं लेकिन पुलिस या सेना की गारंटी कोई नहीं ले सकता है। सीएम ने जानकारी दी है कि 116 गिरफ्तारियां हो चुकी हैं और 90 आरोपी हिरासत में हैं।
SIT करेगी हिंसा की जांच
हरियाणा में पिछले दिनों फैली साम्प्रदायिक हिंसा को लेकर डीजीपी पी के अग्रवाल ने बुधवार को कहा कि स्थिति काबू में है और सभी मामलों की जांच के लिए एसआईटी गठित की जाएगी। उधर बजरंग दल के एक घायल कार्यकर्ता की मौत होने के साथ ही प्रदेश में फैली सांप्रदायिक हिंसा में मृतकों की संख्या बढ़कर बुधवार को छह हो गयी जबकि गुरुग्राम में कई दुकानों तथा गोदामों को आग के हवाले कर दिया गया। विश्व हिंदू परिषद ने बजरंग दल के एक घायल कार्यकर्ता की मौत की सूचना दी। डीजीपी पी के अग्रवाल ने राज्य में साम्प्रदायिक हिंसा की स्थिति पर पीटीआई भाषा को बताया कि स्थिति काबू में है और सभी मामलों की जांच के लिए एसआईटी गठित की जाएगी। उन्होंने कहा कि बजरंग दल के मोनू मानेसर की भूमिका की जांच की जा रही है और दंगों के संबंध में नूंह में 41 प्राथमिकियां दर्ज की गयी हैं।
सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा मामला
इधर सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को केंद्र और संबंधित राज्य सरकारों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि हरियाणा के नूंह में सांप्रदायिक हिंसा के विरोध में विश्व हिंदू परिषद (विहिप) और बजरंग दल द्वारा निकाले जा रहे मार्च के दौरान दिल्ली-एनसीआर में कोई घृणा भाषण न दिया जाए और ना ही किसी तरह की हिंसा हो। न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति एस.वी. भट्टी की पीठ ने यह भी आदेश दिया कि अतिरिक्त पुलिस या अर्धसैनिक बल तैनात किए जाएं और संवेदनशील इलाकों में सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएं। अदालत ने प्रदर्शन और रैली पर रोक नहीं लगाई है।