मुंबई: सनातन धर्म को समर्पित डिजिटल आध्यात्मिक धाम ‘प्रज्ञा’ ओटीटी के तत्वावधान में 04 जनवरी 2023 से कथाकार स्वप्निल शुक्ला द्वारा असम के दुर्लभ ग्रन्थ ‘योगिनि तंत्र’ का पाठ किया जाएगा जिसे ‘प्रज्ञा’ ओटीटी ऐप व् यूट्यूब चैनल पर सुबह 11 बजे से सुना जा सकता है।
ऑन द डॉट’ की एसोसिएट एडिटर स्वप्निल शुक्ला, राजनीति विज्ञान व् हिंदी साहित्य में डबल परास्नातक उपाधियों से अलंकृत हैं व अध्यात्म, राजनीति, चिकित्सीय कला, उद्यमिता और सस्टेनेबल लिविंग जैसे विषयों पर लिखती हैं। अध्यात्म व् दर्शन के संयोजन से लैस अपनी चित्रकला के माध्यम से सनातन धर्म से जुड़ी अनेकों कथाओं को कैन्व़स् पर उतार युवा पीढ़ी को देश की सनातन संस्कृति से अवगत कराने व आजीविका और आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने के लिए, स्वप्निल को कई बार सम्मानित व् पुरस्कृत किया गया है।
‘योगिनि तंत्र’ ग्रन्थ पर प्रकाश डालते हुए स्वप्निल ने बताया कि इस प्राचीन ग्रन्थ में चौसठ योगिनियों की चर्चा की गयी है। सभी योगिनियों को आदिशक्ति मां काली का अवतार माना गया है। “घोर” नामक दैत्य के साथ युद्ध करते समय योगिनियों का अवतार हुआ था और यह सभी माता पार्वती की सखियां मानी गई हैं। मान्यता है कि प्रत्येक दिशा में 8 योगिनी फैली हुई है, हर योगिनी के लिए एक सहायक योगिनी है। इस प्रकार हर दिशा में 16 योगिनी है। दिशा 4 होने के कारण कुल 64 योगिनी है। सभी योगिनी तंत्र की अधिष्ठात्री देवी है। इंद्रजाल, जादू, वशीकरण, मारण, स्तंभन इत्यादि कार्य इन्हीं की कृपा से की जाती है। इन चौंसठ योगिनियों के मन्त्रों का उपयोग वस्तु दोष को खत्म करने के लिए किया जाता हैं। इनके 64 नामों का पाठ करने वाले को वाद-विवाद आदि में भी विजय प्राप्त होती है।
ग़ौरतलब है, ‘प्रज्ञा’ के बैनर तले स्वप्निल शुक्ला द्वारा बीते माह, सुन्दर काण्ड, गरुड़ पुराण, श्री दुर्गा सप्तशती, देवीभागवत पुराण, श्री गणेश अंक व् श्री गणेश पुराण में सम्मिलित कथाओं का वाचन किया गया। शुद्ध व् त्रुटिहीन उच्चारण के चलते इन एपिसोड्स को देशभर से श्रोताओं ने काफी सराहा।