बच्चे के 6 महीने के होने के बाद माएं अक्सर उन्हें ठोस आहार देना शुरू कर देती हैं। इस तरह के आहार में मूंग दाल खिचड़ी या दलिया ज्यादातर मां अपने बच्चे को देने के लिए पसंद करती हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं इन दोनों ही चीजों से अलग बाजरे की खिचड़ी भी इस उम्र के बच्चों को दी जा सकती है। बाजरे की खिचड़ी में विटामिन-बी, फाइबर, प्रोटीन, कैल्शियम, कार्बोहाइड्रेट, आयरन और एंटीऑक्सीडेंट्स की अच्छी मात्रा मौजूद होती है। ये सभी पोषक तत्व शिशु के विकास के लिए जरूरी होते हैं। आइए जानते हैं शिशु को बाजरे की खिचड़ी खिलाने से मिलते हैं कौन से गजब के फायदे।
खून की कमी होगी दूर-
जो बच्चे एनीमिया रोग से जुझ रहे होते हैं आप उन्हें बाजरे की खिचड़ी खिला सकते हैं। इसमें पाया जाने वाला आयरन उनके शरीर में एनीमिया की कमी पूरी करने में मदद कर सकता है।
हड्डियां बनेंगी मजबूत-
बाजरे की खिचड़ी में कैल्शियम काफी अच्छी मात्रा में पाया जाता है जो बच्चे की हड्डियों का विकास करने में मदद करता है। इसके अलावा बाजरे की खिचड़ी देने से बच्चे की हड्डियां भी मजबूत होती हैं।
मजबूत पाचन तंत्र-
बाजरे की खिचड़ी बच्चों को खिलाने से उनका पाचन तंत्र भी मजबूत बनता है। इसमें पाया जाने वाला फाइबर बच्चों के पाचन को दुरुस्त रखता है। इसके अलावा बच्चे को पेट में अपच, कब्ज, गैस और बदहजमी जैसी समस्याओं में भी राहत दिलाता है।
बच्चों की ग्रोथ-
बाजरे की खिचड़ी बच्चे को खिलाने से उनका विकास भी अच्छा होता है। इसमें मौजूद प्रोटीन, फाइबर, आयरन, विटामिन जैसे पोषक तत्व बच्चों को शरीर की ग्रोथ में मदद करते हैं।