घर में बने शुद्ध देसी घी को खाने से काफी सारे फायदे होते हैं। ये कब्ज से लेकर जोड़ों के दर्द को कम करने में मदद करता है। साथ ही इसका स्वाद खाने के स्वाद को और भी बढ़ा देता है। भले ही घी खाने के काफी सारे हेल्थ बेनिफिट्स हो लेकिन जरूरी नहीं कि ये हर किसी को बराबर तरीके से फायदा पहुंचाए। देसी घी को रोजाना की डाइट में शामिल करते हैं तो जान लें कि किन लोगों को घी खाने से परहेज करना चाहिए। नहीं तो ये फायदे की जगह नुकसान करना शुरू कर देता है।
खराब डाइजेशन
वैसे तो घी को कब्ज के लिए बहुत फायदेमंद बताया गया है लेकिन अगर आप खराब डाइजेशन से जूझ रहे हैं और खाना पचने का प्रोसेस धीमा रहता है तो अपनी डाइट में घी को बिल्कुल ना शामिल करें।
फैटी लीवर या लीवर सिरोसिस
अगर आप नॉन एल्कोहलिक फैटी लीवर के मरीज हैं या फिर लीवर सिरोसिस जैसी गंभीर बीमारी के शिकार हो चुके हैं तो इन परिस्थितियों में घी का सेवन कतई नहीं करना चाहिए। फैटी लीवर की समस्या होने पर घी जहर की तरह काम करता है और नुकसान पहुंचाता है।
मौसमी बुखार होने पर घी ना खाएं
अगर आप सर्दी-जुकाम या मौसमी बुखार से घिरे हैं तो देसी घी को बिल्कुल ना खाएं। मौसमी बुखार-जुकाम में शरीर में कफ की मात्रा बढ़ती है और घी इस कफ को और भी ज्यादा बढ़ाने लगता है। इसलिए खांसी और बुखार में घी का सेवन बिल्कुल नहीं करना चाहिए।
हाई ब्लड प्रेशर के मरीज को घी नहीं खाना चाहिए
अगर आप हाई ब्लड प्रेशर, हाईपर टेंशन से गुजर रहे हैं तो देसी घी को डाइट में ना शामिल करें। हेल्दी फैट होने के बावजूद ये नसों को ब्लॉक करने लगता है जिससे हार्ट अटैक का खतरा रहता है।