नई दिल्ली। राजधानी में चुनावी रणभेरी बजते ही सियासी बिछात बिछने लगी है। इस बार दिल्ली की सातों लोकसभा सीटों पर पिछली दो बार की तरह त्रिकोणीय मुकाबला नहीं दिखेगा। इस बार भाजपा और इंडिया गठबंधन के बीच सीधी टक्कर होगी।
एक ओर भाजपा है तो दूसरी ओर इंडिया गठबंधन के तहत आम आदमी पार्टी और कांग्रेस एक साथ मैदान में उतरी हैं। भाजपा अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर चुकी है, जबकि आम आदमी पार्टी अपने हिस्से की चार सीटों पर प्रत्याशी उतार चुकी है। कांग्रेस ने अभी घोषणा नहीं की है।
दिल्ली में बीते कुछ समय से लोकसभा चुनाव में त्रिकोणीय मुकाबला देखने को मिला है। वर्ष 2009 में भाजपा, कांग्रेस के अलावा बसपा मुकाबले में थी, जबकि 2014 के बाद से भाजपा, कांग्रेस के बाद आम आदमी पार्टी ने चुनाव को त्रिकोणीय बनाया। हालांकि, पिछले दो चुनाव से भाजपा एकतरफा बड़े अंतर के साथ जीत हासिल करती रही है। यही वजह है कि इस बार ‘आप’ और कांग्रेस ने सीट बंटवारा करके भाजपा से सीधा मुकाबला करने की ठानी है।
राष्ट्रीय के साथ स्थानीय मुद्दे हावी रहेंगे : दिल्ली की सातों लोकसभा सीटों पर लड़ाई सिर्फ राजनीतिक दलों के नेताओं के बीच नहीं बल्कि मुद्दों की भी रहेगी। तस्वीर साफ है कि इस बार राष्ट्रीय के साथ स्थानीय मुद्दे भी हावी रहेंगे। आम आदमी पार्टी के साथ भाजपा भी इन मुद्दों को जनता के बीच लेकर जाएगी।
चुनाव में इलेक्टोरल बॉन्ड की चर्चा होगी, तो दिल्ली सरकार के अधिकारों की भी चर्चा तय है। ईडी और सीबीआई की बात होगी तो विपक्ष चुनाव में दिल्ली सरकार के ऊपर लग रहे भ्रष्टाचार की भी बात करेगा। अनधिकृत कॉलोनी से लेकर पानी के वन टाइम सेंटलमेंट योजना भी इसमें अहम मुद्दा होगा।
दिग्गजों के बीच मुकाबला : दिल्ली के चुनाव में भाजपा और इंडिया गठबंधन में शामिल आप व कांग्रेस के बीच मुकाबला दिलचस्प होने वाला है, क्योंकि सांसद की दौड़ में इस बार मुकाबला विधायकों और पूर्व महापौर के बीच होने वाला है।
इस चुनाव में कुल चार विधायक, तीन पूर्व महापौर और एक पूर्व सांसद मैदान में हैं। दिल्ली की सक्रिय राजनीति के धुरंधरों के बीच यह लड़ाई दिलचस्प होगी। दक्षिणी दिल्ली सीट पर दो विधायकों के बीच लड़ाई है। भाजपा व आप दोनों में मौजूदा विधायकों को टिकट दिया है। पूर्वी दिल्ली पर एक मौजूदा विधायक व एक पूर्व महापौर के बीच लड़ाई है। इसी तरह पश्चिमी दिल्ली सीट पर पूर्व सांसद व पूर्व महापौर के बीच मुकाबला है। सिर्फ नई दिल्ली सीट पर आप के मौजूदा विधायक के सामने भाजपा ने नए चेहरे को मैदान में उतारा है।
कांग्रेस के प्रत्याशी तय नहीं
भले ही लोकसभा चुनाव की घोषणा हो चुकी है, लेकिन कांग्रेस अभी दिल्ली में अपने उम्मीदवार तय नहीं कर पाई है। गठबंधन की सहयोगी आम आदमी पार्टी भी कांग्रेस से जल्द उम्मीदवार घोषणा की उम्मीद जता रही है जिससे चुनाव प्रचार को उसके हिसाब से आगे बढ़ाया जा सके। दरअसल आप व कांग्रेस संयुक्त रूप से चुनाव प्रचार की योजना बना रहे है। टिकट घोषणा के बाद ही इसकी रणनीति बनाई जाएगी। कांग्रेस सूत्रों की मानें तो सोमवार के बाद नामों की घोषणा हो सकती है। दिल्ली की सात सीटों पर में आम आदमी पार्टी और कांग्रेस मिलकर चुनाव लड़ रहे हैं। कांग्रेस के पास तीन सीट उत्तर-पूर्वी दिल्ली, उत्तर पश्चिमी और चांदनी चौक सीट आई हैं। तीनों सीटों पर अलग-अलग नेता दावेदारी ठोक रहे हैं, लेकिन अभी तक तय नहीं हो पाए हैं।
आचार संहिता से कई योजनाएं अटकीं
लोकसभा चुनाव की घोषणा के साथ आदर्श आचार संहिता लागू हो गई है। इस वजह से दिल्ली सरकार की कई योजनाओं के लिए अब जून तक इंतजार करना पड़ेगा। इनमें मोहल्ला बस सेवा से लेकर पानी के बिलों को लेकर लाई गई वन टाइम सेटलमेंट योजना तक शामिल है। कई योजना लागू होने के अपने अंतिम चरण में थी, लेकिन आचार संहिता के कारण उन पर ब्रेक लग या है।
मोहल्ला बस
दिल्ली सरकार लास्ट माइल कनेक्टविटी के लिए नौ मीटर वाली छोटी बस सड़कों पर उतारने की तैयारी कर रही है। बसों का इसी माह के अंत में उद्घाटन होना था, लेकिन अब आचार संहिता लागू होने के चलते फिलहाल यह सड़कों पर नहीं उतर पाएंगी। मोहल्ला बस के लिए लोगों को जून तक का इंतजार करना पड़ेगा। सरकार इसके तहत दिल्ली में दो हजार से अधिक बसें उतारने की तैयारी कर रही है।
वन टाइम सेंटलमेंट
दिल्ली में पानी के बिलों को लेकर बहुत शिकायतें हैं। करीब 10.5 लाख उपभोक्ता हैं, जो पानी का बिल जमा नहीं कर रहे। सरकार ने ऐसे बिलों की माफी व सुधार के लिए वन टाइम सेटलमेंट योजना की घोषणा की थी। इसका कैबिनेट नोट भी तैयार था, लेकिन आपत्तियों के चलते यह अटकी हुई थी। इस माह इसका कैबिनेट प्रस्ताव आना था, परंतु अब यह योजना भी जून तक के लिए अटक गई है।
लाजपत नगर पार्किंग का उद्घाटन
दिल्ली नगर निगम ने लाजपत नगर में एक बहुमंजिला पार्किंग का निर्माण किया है। इसी माह उसे शुरू करने की योजना थी। आचार संहिता के कारण उसका उद्घाटन कार्यक्रम भी प्रभावित हुआ है। अधिकारियों का कहना है कि अब चुनाव के बाद ही इसके सार्वजनिक प्रयोग के लिए खोला जाएगा।
सीनियर बिजनेस ब्लास्टर्स
दिल्ली सरकार ने स्कूलों में बच्चों को उद्यमशीलता के गुर सिखाने के लिए बिजनेस ब्लास्टर्स कार्यक्रम की शुरुआत की थी। इसके लिए बजट में अलग से बजट की घोषणा भी की जा चुकी है। इसके प्रस्ताव को कैबिनेट में मंजूरी भी मिल चुकी है। अधिकारियों ने बताया कि यह योजना अंतिम चरण में थी, जल्द ही इसकी अधिसूचना जारी होनी थी लेकिन आचार संहिता लागू होने के कारण अब यह लागू नहीं हो पाएगी।
महिला सम्मान निधि
दिल्ली सरकार ने महिला सम्मान निधि योजना की घोषणा की है। इसके तहत 18 साल से बड़ी उम्र की महिलाओं को एक हजार रुपये प्रतिमाह दिया जाएगा। योजना को चुनाव बाद अधिसूचित किया जाएगा। चुनाव के दौरान सभी कागजी प्रक्रिया पूरी कर ली जाएंगी। इसके बाद इसकी अधिसूचना जारी करके सितंबर-अक्टूबर से पहली किश्त जारी की जा सकती है।
इन कामों पर रोक
● सरकारी कामकाज का प्रचार नहीं कर सकते
● मतदाता को प्रलोभन, वित्तीय लाभ नहीं दे सकते
● जाति, संप्रदाय के आधार पर अपील नहीं की जाएगी
● नफरत भरे भाषण देने पर कार्रवाई की जाएगी
● किसी भी नेता या कार्यकर्ता के निजी जीवन पर किसी तरह की टिप्पणी नहीं कर सकते