हिन्दू धर्म में मंगलवार दिन को बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है। इस दिन हनुमान जी की पूजा का विधान है। शास्त्रों में बताया गया है कि मंगलवार के दिन कलयुग के देवता बजरंगबली की उपासना करने भक्तों को सभी प्रकार के कष्टों से मुक्ति मिल जाती है और उसे आरोग्यता, धन एवं ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है। बता दें कि मंगलवार के दिन नित्य-पूजा के साथ-साथ कई मंत्रों का भी विशेष महत्व है। जिनका उच्चारण करने से भगवान आञ्जनेय प्रसन्न होते हैं। हनुमान जी को प्रसन्न करने के लिए श्री हनुमान द्वादश नाम स्तोत्र को बहुत ही उपयोगी माना गया है।
श्री हनुमान द्वादश नाम स्त्रोतम
हनुमानंजनासूनुः वायुपुत्रो महाबलः ।
रामेष्टः फल्गुणसखः पिंगाक्षोऽमितविक्रमः ।।
उदधिक्रमणश्चैव सीताशोकविनाशकः ।
लक्ष्मण प्राणदाताच दशग्रीवस्य दर्पहा ।।
द्वादशैतानि नामानि कपींद्रस्य महात्मनः ।
स्वापकाले पठेन्नित्यं यात्राकाले विशेषतः ।
तस्यमृत्यु भयंनास्ति सर्वत्र विजयी भवेत् ।।
हनुमान जी के बारह नाम
- हनुमान
- अंजनि पुत्र
- वायु पुत्र
- महाबल
- रामेष्ट
- फाल्गुनसखा
- पिंगाक्ष
- अमितविक्रम
- उदधिक्रमण
- सीता शोक विनाशन
- लक्ष्मण प्राण दाता
- दशग्रीवस्य दर्पहा
-
मंगलवार पूजा नियम
- मंगलवार के दिन हनुमान जी की पूजा के दौरान लाल रंग का वस्त्र जरूर धारण करें। यह रंग उन्हें अत्यंत प्रिय है। साथ ही उन्हें पूजा के दौरान लाल रंग के पुष्प ही अर्पित करें।
- मंगलवार के दिन व्यक्ति पूरे दिन ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए। साथ ही उसे तामसिक भोजन से दूर रहना चाहिए। इस दिन मांस, एवं मदिरा का सेवन वर्जित है।
- शास्त्रों में बताया गया है कि हनुमान जी कि पूजा में चरणामृत का इस्तेमाल वर्जित है, इसलिए इसका प्रयोग न करें। भोग चढ़ाते समय भी इस बात का ध्यान रखें कि उनके लिए प्रसाद शुद्ध देसी घी में ही बना हो।
डिसक्लेमर- इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।