डेस्क:अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मंगलवार को चीन को सीधे शब्दों में अल्टीमेटम दे दिया। अब चीन को भारत से भाईचारा बढ़ाने के अलावा कोई रास्ता नजर नहीं आ रहा है। चीन ने कहा है कि ट्रंप के टैरिफ का मुकाबला करने के लिए भारत और चीन को साथ आना चाहिए। भारत में चीनी दूतावास के प्रवक्ता ने मंगलवार को कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन द्वारा लगाए गए टैरिफ के सामने आने वाली कठिनाइयों को दूर करने के लिए भारत और चीन को एकजुट होने की जरूरत है।
चीनी दूतावास के प्रवक्ता यू जिंग ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में कहा, “चीन और भारत के बीच आर्थिक और व्यापारिक संबंध पूरकता और पारस्परिक लाभ पर आधारित हैं। अमेरिका टैरिफ का दुरुपयोग कर रहा है। इसका सामना करने के लिए दुनिया के दो सबसे बड़े विकासशील देशों को एक साथ खड़ा होना चाहिए।”
इससे पहले सोमवार को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चीन को एक बार फिर कड़ी चेतावनी जारी की थी। अमेरिकी राष्ट्रपति ने चीन को अल्टीमेटम देते हुए कहा कि अगर बीजिंग ने अपनी जवाबी कार्रवाई का प्लान वापस नहीं लिया तो अमेरिका चीन से आयातित वस्तुओं पर 50% तक का अतिरिक्त टैरिफ लगा देगा। बता दें कि ट्रंप के अतिरिक्त 34 प्रतिशत टैरिफ लगाने के ऐलान के बाद चीन ने भी अमेरिकी उत्पादों पर इतनी ही शुल्क वसूलने की घोषणा की थी। ट्रंप ने चीन को इस कदम को वापस लेने के लिए आठ अप्रैल तक का अल्टीमेटम दिया है।
हालांकि चीन इस दबाव के बाद भी झुकता हुआ नजर नहीं आ रहा है। मंगलवार को ड्रैगन ने ट्रंप की इस चेतावनी का जवाब देते हुए कहा कि चीन ट्रंप के इस फैसले का मजबूती से विरोध करेगा। चीन के वाणिज्य मंत्रालय ने एक बयान में कहा, “अमेरिका टैरिफ बढ़ाने की धमकी देकर फिर वही गलतियां कर रहा है. यह उसके दबाव की प्रवृत्ति को दिखाता है।” चीन और अमेरिका के बीच चल रहे इस ट्रेड वार के बीच चीन भारत के रूप में अपना साथी तलाश रहा है। इससे पहले हाल ही में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने भारत और चीन के बीच रणनीतिक साझेदारी के 75 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में एक बयान जारी कर कहा था कि भारत और चीन की दोस्ती को और मजबूत करने की जरूरत है।