नई दिल्ली:भारत सरकार ने सोमवार को एक बड़ा कदम उठाते हुए तुर्की के सरकारी समाचार चैनल टीआरटी वर्ल्ड और चीन के सरकारी मुखपत्र ग्लोबल टाइम्स के सोशल मीडिया हैंडल्स को देश में ब्लॉक कर दिया है। यह कार्रवाई ऑपरेशन सिंदूर के बाद फैल रही भ्रामक सूचनाओं और विदेशी प्रोपेगेंडा को रोकने की दिशा में उठाई गई है।
सरकारी सूत्रों के अनुसार, दोनों ही प्लेटफॉर्म्स पर भारत विरोधी और पाकिस्तान समर्थक झूठी खबरें प्रसारित करने का आरोप है। बताया गया है कि ये पोर्टल भारत की सैन्य कार्रवाई को लेकर भ्रामक प्रचार कर रहे थे, जिससे जनता में भ्रम और असंतोष फैलाने की कोशिश की जा रही थी।
8,000 से अधिक सोशल मीडिया अकाउंट्स पर कार्रवाई
सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) को आदेश दिया है कि वह ऐसे 8,000 से अधिक अकाउंट्स को ब्लॉक करे जो भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा, विदेश नीति और सामाजिक सौहार्द को प्रभावित कर सकते हैं। इन अकाउंट्स में कई अंतरराष्ट्रीय मीडिया संगठनों और प्रभावशाली हस्तियों के हैंडल भी शामिल हैं। टीआरटी वर्ल्ड और ग्लोबल टाइम्स के अकाउंट्स इसी अभियान का हिस्सा हैं।
ऑपरेशन सिंदूर और तुर्की का विरोध
7-8 मई की रात भारत द्वारा चलाए गए ऑपरेशन सिंदूर के बाद से तुर्की और पाकिस्तान के बीच बढ़ती नजदीकी पर भारत की नजर है। यह ऑपरेशन जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में चलाया गया था, जिसमें 26 नागरिक मारे गए थे। भारतीय सेना ने इस जवाबी कार्रवाई में पीओके स्थित नौ आतंकी ठिकानों को निशाना बनाकर ध्वस्त कर दिया, जिनमें जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा के शिविर शामिल थे।
हालांकि, तुर्की ने इस सैन्य कार्रवाई को “उकसाने वाला” बताया और इसे पूर्ण युद्ध की ओर धकेलने वाला कदम कहा। तुर्की के विदेश मंत्रालय ने भारत से संयम बरतने की अपील करते हुए पाकिस्तान की ओर से पहलगाम हमले की जांच की मांग का समर्थन किया।
एर्दोगन-शरीफ वार्ता और समर्थन
तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन ने पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ से फोन पर बात की और पाकिस्तान को तुर्की के “अटूट समर्थन” का आश्वासन दिया। शरीफ ने इस समर्थन के लिए आभार जताया और दोनों नेताओं ने क्षेत्रीय स्थिरता बनाए रखने पर चर्चा की।
ड्रोनों के जरिए तुर्की-पाक गठजोड़ उजागर
रक्षा सूत्रों के अनुसार, ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान ने तुर्की में निर्मित ‘एसिस गार्ड सोंगर’ ड्रोनों का उपयोग कर भारत के हवाई क्षेत्र में घुसपैठ की कोशिश की। हालांकि भारतीय सेना ने इन्हें सफलतापूर्वक निष्क्रिय कर दिया। इस घटना ने तुर्की द्वारा पाकिस्तान को दी जा रही सैन्य सहायता और रणनीतिक समर्थन को उजागर कर दिया है।
विश्लेषकों का मानना है कि भारत की यह डिजिटल कार्रवाई न केवल सूचना युद्ध का जवाब है, बल्कि यह विदेश समर्थित प्रोपेगेंडा के खिलाफ एक स्पष्ट संदेश भी है – भारत अपनी संप्रभुता और राष्ट्रीय सुरक्षा से कोई समझौता नहीं करेगा।