डेस्क:शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने शुक्रवार को महाराष्ट्र के चत्रपति संभाजी नगर जिले की सिलोड विधानसभा क्षेत्र में एक रैली को संबोधित करते हुए चौंकाने वाला बयान दिया। उन्होंने कहा कि वह भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के नेताओं से चर्चा के लिए तैयार हैं, अगर वे भी बातचीत करना चाहते हैं। यह बयान 2019 में शिवसेना और बीजेपी के गठबंधन टूटने के बाद पहली बार आया है।
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, उद्धव ठाकरे ने बीजेपी कार्यकर्ताओं की तारीफ करते हुए उनसे शिवसेना (यूबीटी) के साथ आने की अपील की। उन्होंने कहा, “हमारे बीच मतभेद हैं, लेकिन अगर आपकी ओर से कोई मुझसे बात करना चाहता है, तो मैं भी तैयार हूं। हमें एकजुट होकर सिलोड की छवि सुधारनी चाहिए। यह मौका है अब्दुल सत्तार को हराने का।
अब्दुल सत्तार पर तीखा हमला
अब्दुल सत्तार वर्तमान में एकनाथ शिंदे गुट के शिवसेना के मंत्री हैं। वे 2019 के विधानसभा चुनावों में शिवसेना में शामिल हुए थे। उस समय शिवसेना एकजुट थी और उद्धव ठाकरे के हाथों में पार्टी की कमान थी। अब सत्तार सिलोड से फिर चुनाव लड़ रहे हैं, जहां मुस्लिम मतदाता लगभग 20% हैं। उद्धव ने सत्तार को “गद्दार” बताते हुए कहा, “गद्दारों ने एकजुट होकर सत्ता का दुरुपयोग किया है। गरीबों को परेशान किया जा रहा है। ऐसे लोगों को जेल में डाल देना चाहिए। मैंने 2019 में उन्हें शामिल करके गलती की थी और इसके लिए मैं माफी मांगता हूं।”
उन्होंने कहा, “मैं ईमानदारी से स्वीकार करता हूं कि मैंने गलती की… और मैं इसके लिए माफी मांगता हूं।” उद्धव 2019 के विधानसभा चुनावों के दौरान सत्तार के शिवसेना में शामिल होने का जिक्र कर रहे थे। उद्धव ने आरोप लगाया, “उस समय उन्होंने मुझसे कहा था कि वह मेरे सपने को साकार करने में मेरी मदद करेंगे। मेरे सपने को भूल जाइए, उन्होंने गरीबों के जीवन को दुःस्वप्न बना दिया है और पैसे बटोरना जारी रखा है।”
सत्तार की आलोचना करते हुए उद्धव ने कहा, “सभी गद्दार एक साथ आ गए हैं और मंत्री पद मिलने के बावजूद उनकी भूख शांत नहीं हुई है। वे अभी भी लालची बने हुए हैं। वे सभी सत्ता का दुरुपयोग कर रहे हैं और गरीबों को परेशान कर रहे हैं। उन्हें सलाखों के पीछे डाल देना चाहिए। यही मैं सिलोड वासियों से कहना चाहता हूं।”
बीजेपी से सहयोग की अपील
बीजेपी कार्यकर्ताओं की सराहना करते हुए उद्धव ठाकरे ने कहा, “सिलोड में डर का माहौल है। मैं बीजेपी और उसके कार्यकर्ताओं से अपील करता हूं कि इस अवसर को न चूकें। ‘सच्चा’ बीजेपी कार्यकर्ता गुंडागर्दी के खिलाफ है और आतंक का अंत चाहता है। हमारी संस्कृति और परंपराएं अलग हैं।” स्थानीय भाजपा नेताओं ने सत्तार के लिए प्रचार करने से इनकार कर दिया है और आरोप लगाया है कि वह भगवा पार्टी के खिलाफ काम करते हैं।
सत्तार और बीजेपी के बीच मतभेद
बीजेपी और सत्तार के बीच रिश्ते तब खराब हुए जब जलना लोकसभा सीट से बीजेपी नेता रावसाहेब दानवे की हार का आरोप सत्तार पर लगा। सत्तार ने न केवल दानवे का समर्थन करने में रुचि नहीं दिखाई, बल्कि कांग्रेस उम्मीदवार कल्याण काले की जीत का सार्वजनिक अभिनंदन भी किया।
अब दानवे के करीबी सुरेश बांकर शिवसेना (यूबीटी) के टिकट पर सत्तार के खिलाफ मैदान में हैं। महाराष्ट्र में 20 नवंबर को चुनाव होने वाले हैं, और उद्धव ठाकरे की यह पहल शिवसेना (यूबीटी) और बीजेपी के बीच संभावित सियासी समीकरणों की ओर इशारा कर रही है।