उदयपुर:शहर के पास ही सज्जनगढ़ वन्यजीव अभ्यारण्य में स्थित पहाड़ी पर लगी आग आसपास पहाड़ियों पर भी फैल गई। पिछली रात को तो घास जलने से उठी लपटों को शहर के लोगों ने साफ तौर पर देखा। हवा के साथ पहाड़ियों पर आग फैलती चली गई। आग से इलाके में रहने वाले वन्यजीवों और बायोलॉजिकल गार्डन को खतरा पैदा हो गया। वनकर्मियों और फायर ब्रिगेड ने आग पर काबू पाने का प्रयास किया। बाद में खतरे को देखते हुए एयरफोर्स का हेलिकॉप्टर बुलवाया गया। इसने सोमवार शाम उड़ान भरकर पहाड़ों पर पानी की बौछारें डाल आग पर काबू पाना शुरू किया।
जुटी थी टूरिस्टों की भीड़
एक तरफ समर सीजन और रविवार को छुट्टी थी। इसके चलते सज्जनगढ़ में टूरिस्टों की भीड़ थी। अचानक पहाड़ से आग लपटें दिखाई देने लगीं। इस पर वन विभाग ने लोगों की एंट्री रोक दी। वन्यजीवों व बॉयोलोजिकल गार्डन में बंद जानवरों को बचाने के लिए बॉर्डर तैयार कर आग को इलाके में फैलने से रोका गया। लेकिन रात को तेज हवा के कारण आग ऊपर पहाड़ी की ओर फैलने लगी। सुबह तक आग सज्जनगढ़ से बड़ी की पहाड़ियों पर भी फैल गई। तेज गर्मी के कारण सूखे पेड़ों व पौधों ने भी आग पकड़ ली। आग पर काबू पाने के लिए वनकर्मी और तीन फायर ब्रिगेड के दल लगातार काम करते रहे।
220 हेक्टेयर में आग फैली
आग के बढ़ते दायरे को देखते हुए कलेक्टर ने एयरफोर्स से हेलिकॉप्टर को बुलवाया। डीएफओ डॉ. अजीत ऊंचोई ने बताया कि करीब 220 हेक्टेयर में आग लगी है। इसमें 90 प्रतिशत पर काबू पा लिया गया है, लेकिन हवा के कारण आग और आगे फैल रही है। गोरेला व्यू पाइंट की तरफ से आग लगने की शुरुआत हुई थी। रविवार को कंट्रोल किया मगर आज फिर आग लग गई। कलेक्टर, सिविल डिफेंस, हिंदुस्तान जिंक की टीमें मौके पर जुटी हैं। आग तेजी से बड़ी की तरफ फैली है। बड़ी की तरफ की आग पर काबू पाना बाकी है।
7 हजार लीटर पानी का छिड़काव किया
डीएफओ ऊंचोई ने बताया कि सेना के हेलिकॉप्टर में लगाई जाने वाली बकेट की क्षमता 4900 लीटर होती है। लेकिन इसे 3500 लीटर के आसपास भरा जाता है। इस मायने में सोमवार को हेलीकॉप्टर ने दो बार में लगभग 7 हजार लीटर पानी का छिड़काव किया। उन्होंने बताया कि मंगलवार को आग पर संपूर्ण काबू पाने तक यह ऑपरेशन लगातार जारी रहेगा।