डेस्क:जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) को लेकर विदेश मंत्री एस. जयशंकर के बयान पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। अब्दुल्ला ने केंद्र सरकार को चुनौती देते हुए कहा कि अगर उनके पास पीओके वापस लेने की क्षमता है, तो वे इसे हासिल करें।
उमर अब्दुल्ला का पलटवार
जम्मू-कश्मीर विधानसभा में उमर अब्दुल्ला ने कहा, “क्या हमने कभी उन्हें रोका? वे हाजी पीर दर्रे को लेकर कांग्रेस की आलोचना करते हैं, लेकिन कारगिल युद्ध के दौरान उनके पास इसे वापस लेने का मौका था, लेकिन वे नहीं ले सके। अगर वे इसे हासिल कर सकते हैं, तो अब करें।” उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि जम्मू-कश्मीर का एक हिस्सा पाकिस्तान के कब्जे में है और दूसरा चीन के कब्जे में, लेकिन चीन पर कोई बात क्यों नहीं करता?
जयशंकर ने क्या कहा था?
लंदन के चाथम हाउस थिंक टैंक में एक कार्यक्रम के दौरान जयशंकर ने कहा था कि पीओके भारत का हिस्सा है और इसे वापस लिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा, “हमने कश्मीर मुद्दे पर बड़ी प्रगति की है। अनुच्छेद 370 को हटाना पहला कदम था। पाकिस्तान जब पीओके से हटेगा, तभी कश्मीर मुद्दे का समाधान होगा।”
पाकिस्तान की प्रतिक्रिया
जयशंकर की इस टिप्पणी पर पाकिस्तान ने तीखी प्रतिक्रिया दी। पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता शफकत अली खान ने भारत पर आरोप लगाते हुए कहा, “भारत को झूठे दावे करने के बजाय, 77 साल से कब्जे में रखे जम्मू-कश्मीर को खाली करना चाहिए।”
भाजपा का पलटवार
उमर अब्दुल्ला के बयान पर भाजपा ने भी जवाब दिया। विपक्ष के नेता सुनील शर्मा ने कहा कि अब्दुल्ला को विधानसभा में अपने विधायकों के सवालों का जवाब देना चाहिए था, न कि जयशंकर के बयान पर प्रतिक्रिया देनी चाहिए थी। भाजपा नेता अजय आलोक ने कहा, “मोदी सरकार के तहत पीओके और अक्साई चिन दोनों भारत को वापस मिलेंगे।”
पीओके को लेकर भारतीय राजनीति में बयानबाजी तेज हो गई है, लेकिन यह देखना दिलचस्प होगा कि सरकार इस दिशा में क्या कदम उठाती है।