देहरादून: भारतीय सेना द्वारा हाल ही में पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में चलाए गए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को अब उत्तराखंड के मदरसों के पाठ्यक्रम में शामिल किया जाएगा। राज्य की भाजपा सरकार ने यह निर्णय मुस्लिम छात्रों को राष्ट्रीय सुरक्षा और सेना की वीरता से परिचित कराने के उद्देश्य से लिया है।
उत्तराखंड सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने जानकारी दी कि “ऑपरेशन सिंदूर” को मदरसा पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। इसके तहत सेना की इस जवाबी कार्रवाई की पृष्ठभूमि, रणनीति, और उसके परिणामों को छात्रों को पढ़ाया जाएगा।
क्या है ‘ऑपरेशन सिंदूर’?
6-7 मई 2025 की रात भारतीय सेना ने “ऑपरेशन सिंदूर” के तहत पाकिस्तान और पीओके में स्थित आतंकवादी ठिकानों पर सटीक हमले किए थे। यह कार्रवाई जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले के जवाब में की गई थी, जिसमें 26 पर्यटकों की जान गई थी।
इस ऑपरेशन में नौ आतंकी ठिकानों को ध्वस्त किया गया, जिनमें लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद और हिजबुल मुजाहिद्दीन जैसे संगठनों के ट्रेनिंग कैंप शामिल थे। सेना की इस कार्रवाई को एक निर्णायक जवाबी हमला माना गया, जिससे आतंकवादियों के नेटवर्क को गहरी चोट पहुंची।
मदरसों में पढ़ाई जाएगी वीरता की गाथा
उत्तराखंड सरकार का मानना है कि देशभक्ति की भावना को सभी वर्गों में समान रूप से फैलाना जरूरी है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने संकेत दिए कि यह कदम मुस्लिम समुदाय के बच्चों को राष्ट्र के प्रति जागरूक और उत्तरदायी नागरिक बनाने की दिशा में एक पहल है।
शिक्षा विभाग के अनुसार, ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को इतिहास और समकालीन भारत से जुड़े अध्यायों में जोड़ा जाएगा। पाठ्य सामग्री में ऑपरेशन की रूपरेखा, सेना की रणनीति, और इसके सामाजिक व कूटनीतिक प्रभावों का वर्णन किया जाएगा।
राष्ट्रवाद और समावेशन की दिशा में प्रयास
राज्य सरकार का यह कदम केवल सैन्य गौरव का बखान नहीं, बल्कि शिक्षा को एक सशक्त राष्ट्रीय माध्यम बनाने की दिशा में उठाया गया कदम है। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि यह प्रयोग सफल रहा, तो अन्य राज्यों के मदरसों में भी ऐसे कदम उठाए जा सकते हैं।