भारत की सैन्य शक्ति का नया चेहरा अब सिर्फ ताकत और तकनीक नहीं, बल्कि साहसी महिलाओं की दृढ़ता और नेतृत्व क्षमता भी है। हाल ही में हुए ऑपरेशन सिंदूर के बाद दो नाम देशभर में चर्चा का विषय बने—कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह। इन दोनों वीरांगनाओं ने न केवल दुश्मन देश पाकिस्तान की पोल खोली, बल्कि यह भी दिखा दिया कि भारतीय सेना में अब महिलाएं सिर्फ हिस्सा नहीं हैं, बल्कि नेतृत्व भी कर रही हैं।
कर्नल सोफिया कुरैशी: धैर्य, नेतृत्व और निडरता का प्रतीक
कर्नल सोफिया कुरैशी भारतीय सेना की उन चुनिंदा महिला अधिकारियों में से एक हैं, जिन्होंने अपने अद्वितीय नेतृत्व से मिसाल कायम की है। वे भारतीय सेना की लेफ्टिनेंट कर्नल के पद पर कार्यरत हैं और सैन्य रणनीति की गहरी समझ रखती हैं।
2016 में उन्होंने इतिहास रचते हुए पुणे में आयोजित बहुराष्ट्रीय सैन्य अभ्यास ‘एक्सरसाइज फोर्स 18’ में भारतीय दल का नेतृत्व किया। यह एक ऐतिहासिक क्षण था, क्योंकि ऐसा पहली बार हुआ था जब किसी महिला अधिकारी को इस स्तर पर कमान सौंपी गई।
ऑपरेशन सिंदूर के दौरान कर्नल सोफिया ने बताया कि पाकिस्तान और पीओके में तीन दशकों से आतंकी ढांचा खड़ा किया जा रहा था। उन्होंने कहा कि पहलगाम में हुए निर्दोष नागरिकों की हत्या का बदला लेने के लिए यह कार्रवाई जरूरी थी। उनके संयम और साहस ने यह दिखा दिया कि आज की भारतीय महिला अधिकारी किसी भी चुनौती से पीछे नहीं हटती।
विंग कमांडर व्योमिका सिंह: आकाश की शेरनी
विंग कमांडर व्योमिका सिंह भारतीय वायुसेना में हेलीकॉप्टर पायलट हैं और उनके नाम 2,500 घंटे से ज्यादा की उड़ान का अनुभव दर्ज है। उन्होंने पूर्वोत्तर भारत और जम्मू-कश्मीर जैसे अत्यंत जोखिम भरे इलाकों में चीता और चेतक हेलीकॉप्टर उड़ाकर कई मिशन सफलतापूर्वक पूरे किए हैं।
व्योमिका बचपन से ही वायुसेना में जाने का सपना देखती थीं, जिसे उन्होंने अपने कठिन परिश्रम और लगन से पूरा किया। उन्होंने रेस्क्यू मिशनों में भी अग्रणी भूमिका निभाई है, जिनमें से नवंबर 2020 में अरुणाचल प्रदेश में किया गया मिशन उल्लेखनीय है, जिसमें उन्होंने कई लोगों की जान बचाई।
ऑपरेशन सिंदूर के बारे में जानकारी देते हुए उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस में स्पष्ट किया कि “हमारा लक्ष्य सिर्फ आतंकवादी ठिकानों को नष्ट करना था, ना कि किसी भी नागरिक को नुकसान पहुंचाना। हमने सटीक निशाना लगाया और यह सुनिश्चित किया कि कोई आम नागरिक प्रभावित न हो।”
नारी शक्ति की नई परिभाषा
कर्नल सोफिया और विंग कमांडर व्योमिका की जोड़ी भारत की सैन्य व्यवस्था में नारी शक्ति के सशक्त रूप को दर्शाती है। ये सिर्फ दो अधिकारी नहीं, बल्कि उस परिवर्तन की प्रतीक हैं जिसमें महिलाएं अब रणभूमि में अग्रिम पंक्ति में खड़ी हैं।
इन दोनों ने यह साबित कर दिया कि जब देश पर संकट हो, तो भारत की बेटियां भी बंदूक उठा सकती हैं, हेलीकॉप्टर उड़ा सकती हैं, रणनीति बना सकती हैं और दुश्मन को धूल चटा सकती हैं।
निष्कर्ष:कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह न केवल भारतीय सेना की ताकत हैं, बल्कि हर भारतीय महिला के लिए प्रेरणा भी। इन्होंने यह दिखा दिया कि आज की महिला सिर्फ घर नहीं, सरहद भी संभाल सकती है। ऐसे वीरता और समर्पण को भारत हमेशा नमन करता रहेगा।