रांची:झारखंड में स्कूली बच्चों की पढ़ाई में कोताही बरतने वाले शिक्षकों और पदाधिकारियों अब कड़ी कार्रवाई की जाएगी। स्कूली शिक्षा व साक्षरता विभाग के सचिव राजेश कुमार शर्मा ने जिला शिक्षा पदाधिकारियों और जिला शिक्षा अधीक्षकों की जमकर फटकार लगाई। काम में शिथिलता बरतने और समय पर काम पूरा नहीं करने के आरोप में उन्होंने अधिकारियों को सस्पेंड करने से लेकर सेवानिवृत्त होने के बाद पेंशन रोकने तक की चेतावनी दी। शिक्षा सचिव गुरुवार को सभी डीईओ-डीएसई के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग कर रहे थे।
शिक्षा सचिव राजेश शर्मा ने ड्रॉप आउट और स्कूलों के बाहर बच्चों की धीमी गति से नामांकन पर नाराजगी जतायी। उन्होंने कहा कि ऐसे छह लाख बच्चों में से मात्र 1.50 लाख बच्चों का नामांकन हो सका है। यह नामांकन 2021 में ही हो जाना था, जबकि ऐसे सभी बच्चों का नाम-पता सब कुछ उपलब्ध है। किसी ने काम करने वाले अधिकारी के हार्ट अटैक तो किसी ने स्कूलों की ओर से सहयोग नहीं करने की दलील दी। साथ ही, एक सप्ताह में काम पूरा करने और शिक्षकों से स्पष्टीकण पूछने की बात कही। इस पर शिक्षा सचिव विफर पड़े। उन्होंने कहा जो 25 फीसदी नामांकन एक साल से अधिक समय में पूरा हुआ और बाकी 75 फीसदी एक सप्ताह में कैसे हो पाएगा? विभाग को बरगलाना बंद कीजिए, जो स्कूल या शिक्षक रिपोर्ट नहीं दे रहे हैं तो उन पर सीधी कार्रवाई करें। स्पष्टीकरण क्यों सीधे सस्पेंड करें। शिक्षकों को स्कूल का काम अनिवार्य रूप से करना है। अगर पंचायत चुनाव में लग रहे हैं तो लगे, लेकिन स्कूल के कामों को प्राथमिकता से करना होगा। शिक्षा सचिव ने स्पष्ट कहा कि राज्य में डीईओ-डीएसई कम हैं तो यह नहीं सोचे कि उन पर कार्रवाई नहीं होगी। वे सस्पेंड भी करेंगे और पेंशन पर भी रोक लगाएंगे। उन्होंने बैक टू स्कूल कार्यक्रम को सुनिश्चित कराने का भी निर्देश दिया।
नामांकन हो सुनिश्चित, कराएं पढ़ाई
शिक्षा सचिव राजेश शर्मा ने कहा कि कुछ जिलों में पहली क्लास में नामांकन पर रोक पर भी नाराजगी जतायी। उन्होंने कहा कि लर्निंग लॉस को कम करने के लिए तीन महीने का सत्र बढ़ाया गया है, लेकिन नए नामांकन पर रोक नहीं है।
शिक्षकों-बच्चों की उपस्थिति हो सुनिश्चित
शिक्षा सचिव ने कहा कि स्कूलों में शिक्षकों और बच्चों की उपस्थिति सुनिश्चित हो। कोरोना की वजह दो साल ऑफलाइन क्लास प्रभावित रही है। फरवरी-मार्च से स्कूल खुले हैं।
ऐसे में अब दो साल के नुकसान को कम करने के लिए नियमित रूप से स्कूलों में क्लास चले। इसमें शिक्षकों और बच्चों को अपनी शत प्रतिशत उपस्थिति सुनिश्चित करनी होगी।
गुणवत्तापूर्ण मध्याह्न भोजन मिले
शिक्षा सचिव ने सभी जिलों को निर्देश दिया कि यह सुनिश्चित करें कि बच्चों को गुणवत्ता वाले मध्याह्न भोजन मिले। समय-समय पर इसकी जांच भी की जाए, ताकि गुणवत्ता में कोई कमी न हो। स्कूलों में नए नामांकन लेने वाले बच्चों का सेशन समारोह के रूप में शुरू किए जाएं। त्योहार की तरह पकवान बनाकर उनका स्वागत हो। इससे बच्चों में स्कूलों में आने की रुचि बढ़ेगी।