डेस्क:देश में त्योहारी मांग और मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की मजबूती के चलते औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (IIP) नवंबर 2024 में 5.2 प्रतिशत बढ़कर छह महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया। सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, पिछले साल नवंबर 2023 में IIP की वृद्धि दर केवल 2.5 प्रतिशत थी। मई 2024 के बाद यह IIP में सबसे तेज वृद्धि है, जब यह 6.3 प्रतिशत की दर से बढ़ा था।
अप्रैल-नवंबर 2024 में IIP की स्थिति
अप्रैल से नवंबर 2024 के बीच औद्योगिक उत्पादन में वृद्धि 4.1 प्रतिशत दर्ज की गई, जबकि पिछले साल इसी अवधि में यह 6.5 प्रतिशत रही थी। खनन उत्पादन में वृद्धि की दर नवंबर 2024 में घटकर 1.9 प्रतिशत रह गई, जो पिछले साल 7 प्रतिशत थी।
मैन्युफैक्चरिंग और अन्य सेक्टर में प्रदर्शन
- मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर: नवंबर 2024 में मैन्युफैक्चरिंग उत्पादन की वृद्धि दर 5.8 प्रतिशत रही, जबकि पिछले साल यह सिर्फ 1.3 प्रतिशत थी।
- बिजली उत्पादन: बिजली क्षेत्र की वृद्धि दर घटकर 4.4 प्रतिशत रही, जो नवंबर 2023 में 5.8 प्रतिशत थी।
- उपभोक्ता गैर-टिकाऊ वस्तुएं: उत्पादन में मामूली सुधार हुआ और यह 0.6 प्रतिशत पर स्थिर रहा, जबकि पिछले साल इसी महीने में इसमें 3.4 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई थी।
- इंफ्रास्ट्रक्चर और मैन्युफैक्चरिंग वस्तुएं: इस क्षेत्र में उल्लेखनीय 10 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जो पिछले साल केवल 1.5 प्रतिशत थी।
विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट
देश का विदेशी मुद्रा भंडार तीन जनवरी 2025 को समाप्त सप्ताह में 5.69 अरब डॉलर घटकर 634.58 अरब डॉलर रह गया। हालांकि, इसी अवधि में गोल्ड रिजर्व का मूल्य 82.4 करोड़ डॉलर बढ़कर 67.09 अरब डॉलर हो गया।
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के अनुसार, इससे पिछले सप्ताह विदेशी मुद्रा भंडार में 4.11 अरब डॉलर की कमी आई थी। विशेषज्ञों का मानना है कि रुपये में स्थिरता बनाए रखने के लिए RBI द्वारा विदेशी मुद्रा बाजार में किए गए हस्तक्षेप और मूल्यांकन में बदलाव से भंडार में गिरावट आई है।
सितंबर 2024 में विदेशी मुद्रा भंडार 704.88 अरब डॉलर के उच्चतम स्तर पर पहुंचा था, लेकिन तब से इसमें लगातार गिरावट हो रही है।
विश्लेषण
त्योहारी सीजन में बढ़ी मांग और मैन्युफैक्चरिंग में सुधार ने औद्योगिक उत्पादन को नई ऊंचाई पर पहुंचाया है। हालांकि, विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट चिंता का विषय बनी हुई है।