स्पोर्ट्स डेस्क:भारतीय बल्लेबाज विराट कोहली ने इस बात को स्वीकार किया है कि बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी की पिछली 2-3 पारियों में वे अनुशासन में नहीं दिखे। पर्थ में शतक जड़ने के बाद विराट कोहली ने एडिलेड में 7 और 11 रन बनाए और ब्रिसबेन में 3 रन बनाकर आउट हुए। ऐसे में भारतीय टीम पर दबाव बढ़ा। यहां तक कि भारत एडिलेड में मैच हार गया, लेकिन ब्रिसबेन टेस्ट बारिश के कारण ड्रॉ रहा। अब सीरीज 1-1 से बराबर है और बॉक्सिंग डे टेस्ट मैच मेलबर्न में शुरू हो गया है।
इस मैच से पहले विराट कोहली ने रवि शास्त्री से फॉक्स क्रिकेट पर बात करते हुए कहा, “पिछली दो या तीन पारियां वैसी नहीं रहीं जैसा मैं चाहता था। जैसा कि मैंने कहा, मैं वहां टिके रहने और वास्तव में कड़ी मेहनत करने के लिए पर्याप्त अनुशासित नहीं रहा हूं। और यही वह चुनौती है, जो टेस्ट क्रिकेट लेकर आता है।” विराट कोहली ने कहा कि पिछली बार जब उन्होंने आस्ट्रेलिया में खेला था, तब की तुलना में ऑस्ट्रेलिया की पिचें अधिक जीवंत हो गयी हैं।
विराट ने कहा, “जाहिर है, ये पिचें पिछली बार की तुलना में बहुत ज्यादा जीवंत हैं, जब हमने यहां खेला था। इसलिए, एक अलग दृष्टिकोण की आवश्यकता है, लेकिन यह कुछ ऐसा है जिस पर मुझे बहुत गर्व है कि मैं वहां जाकर अलग-अलग परिस्थितियों का सामना करता हूं और जब टीम चाहती है या मेरी जरूरत होती है, तो आगे रहता हूं। ऐसे में विचार यह है कि जैसा कि मैंने कहा, पूरी तरह से इसमें लग जाओ। वहां जाओ, अपनी आंखें जमाओ, इतनी गेंदें खेलो कि तुम उसके बाद अपना गेम खेलना शुरू कर सको, लेकिन सबसे पहले परिस्थितियों का सम्मान करो।”
पूर्व कप्तान ने ये भी माना कि टीम के दृष्टिकोण से हम मानसिक रूप से अच्छी स्थिति में होंगे। उम्मीदों को लेकर उन्होंने कहा, “देखिए, उम्मीदें हमेशा बनी रहती हैं, मुझे लगता है, सबसे पहले अपने देश के लिए खेलना और फिर इतने लंबे समय तक प्रदर्शन करना, उम्मीदें हमेशा बनी रहती हैं। मुझे लगता है कि यह सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है कि आप अपनी योजनाओं को समझें और आप उस स्थान को समझें जहां आप हैं।”