आज, गुरुवार 24 अप्रैल 2025 को वरूथिनी एकादशी का पावन व्रत रखा जा रहा है। इस बार एकादशी के दिन गुरुवार का संयोग बनने से इसका महत्व और भी बढ़ गया है। यह एकादशी वैशाख मास के कृष्ण पक्ष की होती है और इसे भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त करने के लिए अति शुभ माना गया है।
पंचांग के अनुसार, एकादशी तिथि की शुरुआत 23 अप्रैल को शाम 04:43 बजे हो चुकी है और यह तिथि आज दोपहर 02:32 बजे तक रहेगी। व्रत का पारण कल 25 अप्रैल को सुबह किया जाएगा।
वरूथिनी एकादशी का महत्त्व
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, वरूथिनी एकादशी का व्रत रखने से पुण्य की प्राप्ति होती है, पापों का नाश होता है और जीवन की मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। यह व्रत विशेष रूप से संकटों से रक्षा और आध्यात्मिक उन्नति के लिए किया जाता है।
शुभ योग व नक्षत्र
- नक्षत्र: शतभिषा नक्षत्र सुबह 10:49 बजे तक, इसके बाद पूर्व भाद्रपद नक्षत्र प्रारंभ
- योग: ब्रह्म योग दोपहर 03:56 बजे तक, इसके बाद इन्द्र योग का आरंभ
पूजा के शुभ मुहूर्त (24 अप्रैल को)
मुहूर्त | समय | फल |
---|---|---|
शुभ – उत्तम | 05:47 AM से 07:25 AM | श्रेष्ठ आरंभ |
चर – सामान्य | 10:41 AM से 12:19 PM | सामान्य कार्य |
लाभ – उन्नति | 12:19 PM से 01:58 PM | सफलता प्राप्ति |
अमृत – सर्वोत्तम | 01:58 PM से 03:36 PM | सर्वोत्तम लाभ |
शुभ – उत्तम | 05:14 PM से 06:52 PM | पुण्यदायक |
अमृत – सर्वोत्तम | 06:52 PM से 08:14 PM | अत्यंत शुभ |
चर – सामान्य | 08:14 PM से 09:36 PM | सामान्य फल |
विशेष मुहूर्त:
- ब्रह्म मुहूर्त: 04:19 AM से 05:03 AM
- प्रातः संध्या: 04:41 AM से 05:47 AM
- अभिजित मुहूर्त: 11:53 AM से 12:46 PM
- विजय मुहूर्त: 02:30 PM से 03:23 PM
- गोधूलि मुहूर्त: 06:51 PM से 07:13 PM
- अमृत काल: 01:32 AM (25 अप्रैल) से 03:00 AM (25 अप्रैल)
वरूथिनी एकादशी व्रत की पूजन-विधि
- प्रातः स्नान कर मंदिर या पूजन स्थल की सफाई करें।
- भगवान विष्णु का जल व पंचामृत से अभिषेक करें, गंगाजल भी प्रयोग करें।
- प्रभु को पीला चंदन व पीले पुष्प अर्पित करें।
- घी का दीपक जलाएं।
- व्रत का संकल्प लें (यदि संभव हो)।
- वरूथिनी एकादशी व्रत कथा का पाठ करें।
- विष्णु मंत्रों का जाप करें:
- ॐ नमोः नारायणाय नमः
- ॐ नमो भगवते वासुदेवाय
- भगवान विष्णु व माता लक्ष्मी की आरती करें।
- तुलसी दल के साथ भोग लगाएं।
- अंत में क्षमा प्रार्थना करें।
भोग सामग्री
केला, गुड़, चने की दाल, किशमिश, केसर की खीर, पंचामृत, फल, मेवा इत्यादि।
व्रत पारण मुहूर्त (25 अप्रैल 2025)
व्रत का पारण 25 अप्रैल को सुबह 05:46 से 08:23 बजे के बीच करें। द्वादशी तिथि इस दिन 11:44 बजे समाप्त हो जाएगी।
विशेष जानकारी:
- इस दिन वल्लभाचार्य जयंती भी मनाई जाएगी।
- 25 अप्रैल को शुक्र प्रदोष व्रत भी रखा जाएगा।
यदि आप भी वरूथिनी एकादशी का व्रत रखते हैं, तो इस दिन को पूरे श्रद्धा और विधि-विधान से मनाएं और भगवान विष्णु से आशीर्वाद प्राप्त करें।