जयपुर:उदयपुर शहर से लेकर राजस्थान विधानसभा तक विवादों में घिरे मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर प्रो. अमेरिका सिंह के कामों की जांच को लेकर सरकार ने कमेटी गठित कर दी है। वित्तीय अनियमितताओं और पद के दुरुपयोग समेत कई आरोप उन पर लगे हैं। कमेटी में एक कुलपति, एक रजिस्ट्रार और एक वित्तीय सलाहकार को शामिल किया गया है।
सरकार के आदेशों के मुताबिक बांसवाड़ा की गुरु गोविंद सिंह जनजाति विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर प्रो. आईवी त्रिवेदी, आरएनटी मेडिकल कॉलेज उदयपुर के वित्तीय सलाहकार संजय सिंह, हरिदेव जोशी पत्रकारिता विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार अबु सूफियान चौहान, तकनीकी शिक्षा विभाग के संयुक्त सचिव डॉ. मनीष गुप्ता जांच कमेटी के सदस्य हैं।
क्या है आदेश
इस कमेटी को संपूर्ण तथ्यों की जांच कर रिपोर्ट 15 दिन में सरकार को पेश करनी है। कमेटी प्रो. सिंह के वित्तीय, अकादमिक अनियमितताओं और पद के दुरुपयोग संबंधी बिंदुओं की जांच करेगी। बता दें कि प्रो. अमेरिका सिंह 22 जुलाई 2020 को लखनऊ से आकर उदयपुर में वाइस चांसलर का पद ग्रहण किया था।
क्या है मामला
इसी महीने बजट सत्र के दौरान विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष व उदयपुर शहर विधायक गुलाबचंद कटारिया, विधायक रामस्वरूप लांबा, फूल सिंह मीणा ने उन पर वित्तीय, अकादमिक और प्रशासनिक अिनयमितता किए जाने संबंधी मामलों में ध्यानकार्षण प्रस्ताव लाए थे। इस मामले में उच्च शिक्षा मंत्री ने मामले को गंभीरता से लेते हए कमेटी गठित कर जांच करवाने का आश्वासन दिया था। इस मामले में सीएम के सलाहकार संयम लोढ़ा ने भी प्रो. सिंह के खिलाफ विधानसभा में आवाज उठाई थी।
इस मामले में ज्यादा सुर्खियों में आए वाइस चांसलर
प्रो. सिंह की अध्यक्षता वाली कमेटी ने जिस यूनिवर्सिटी का उन्होंने फिजिकल वेरिफिकेशन किया था, वो रातों रात गायब हो गई। जो रिपोर्ट लिखा था, मौके पर ऐसा कुछ नहीं मिला। इस कमेटी की रिपोर्ट में वहां वहां 38 लैब और 62 हॉल बताए जो मौके पर थे ही नहीं। गुरुकुल नाम के इस प्राइवेट विश्वविद्यालय का विधेयक पेश करने के बाद सरकार को वापस लेना पड़ा।