डेस्क:शिवसेना (यूबीटी) के सांसद संजय राउत ने साफ किया है कि पार्टी संसद से पारित हुए वक्फ बिल को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती नहीं देने जा रही है। उन्होंने कहा कि हमने अपना काम कर दिया है। अब फाइल बंद हो गई है। उद्धव गुट के राउत ने साथ ही यह भी दावा किया कि वक्फ संशोधन पर समर्थन हासिल करने के लिए बीजेपी के वरिष्ठ नेता शिवसेना (यूबीटी) के संपर्क में आखिरी समय तक थे।
न्यूज एजेंसी एएनआई के अनुसार, यह पूछे जाने पर कि क्या शिवसेना (यूबीटी) वक्फ (संशोधन) विधेयक 2025 को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देगी, शिवसेना (यूबीटी) सांसद संजय राउत ने कहा, “नहीं। हमने अपना काम कर दिया है। हमें जो कहना था, कह दिया है और अपना फैसला कर लिया है। यह फाइल अब हमारे लिए बंद हो गई है।”
वक्फ संशोधन विधेयक 2025 बुधवार को लोकसभा और गुरुवार को राज्यसभा में पेश किया गया था। दोनों जगह लंबी चर्चा के बाद बिल को पारित करवा लिया गया। विपक्ष ने इस दौरान कड़ा विरोध जताया। उद्धव ठाकरे की शिवसेना ने भी इस बिल के विरोध में वोट दिया। वहीं, पीटीआई के अनुसार, संजय राउत ने शनिवार को दावा किया कि केंद्र और भाजपा की महाराष्ट्र इकाई के शीर्ष नेता अंतिम क्षण तक वक्फ संशोधन विधेयक पारित कराने के लिए समर्थन मांगने के वास्ते उनकी पार्टी के संपर्क में थे।
राउत ने आरोप लगाया कि सरकार यह विधेयक भ्रष्टाचार को कानूनी ढांचे में लाने और भाजपा के प्रिय उद्योगपतियों के लिए दो लाख करोड़ रुपये की जमीन हड़पने के लिए लाई है। उन्होंने दावा किया कि भाजपा ने नवीन पटनायक के नेतृत्व वाली बीजू जनता दल (बीजद) पर लोकसभा में विधेयक का समर्थन करने के लिए आखिरी क्षण तक दबाव डाला था। हालांकि बीजद ने बिल का विरोध किया, लेकिन उसने अपने सदस्यों को कोई व्हिप जारी नहीं किया और उन्हें अपने विवेक से वोट करने के लिए कहा।
राज्यसभा सदस्य ने संवाददाताओं से कहा, “उन्होंने हमारे साथ भी ऐसा ही किया, लेकिन हम सहमत नहीं हुए। अंतिम क्षण तक महाराष्ट्र और दिल्ली के वरिष्ठ भाजपा नेता शिवसेना के संपर्क में थे।” विधेयक को भारी बहुमत से पारित नहीं किया गया है और सरकार को 300 वोट भी नहीं मिले। राउत ने कहा, “हमारे (विपक्ष के) सदस्यों की संख्या बढ़ सकती थी, लेकिन हमारे कुछ सदस्य मौजूद नहीं थे या बीमार थे।”