डेस्क:बिहार के राज्यपाल मोहम्मद आरिफ खान ने गुरुवार को अलीगढ़ में कहा कि वक्फ बोर्ड के पास इतनी संपत्ति है, फिर भी बोर्ड के कर्मचारियों को वेतन-भत्ता तक नहीं मिल रहा है। ऐसे में मामला गड़बड़ हैं। वक्फ बोर्ड में सुधार की आवश्यकता है। उन्होंने बोर्ड को लेकर मुस्लिम प्रोटेक्शन एक्ट 1986 का भी हवाला दिया। मंगलायतन विवि के 11वें दीक्षांत समारोह में शिरकत पहुंचे मोहम्मद आरिफ ने मीडिया के सवालों पर वक्फ बोर्ड में सुधार की बात कही।
कहा कि 1986 में मुस्लिम वोमेन प्रोटेक्शन एक्ट लाया गया था। तब प्रावधान किया गया था कि वक्फ बोर्ड द्वारा तलाकशुदा महिलाओं को गुजारा भत्ता दिया जाएगा। एक्ट लागू होने के दो साल बाद मैंने संसद में सवाल किया कि कितनी महिलाओं को किस वक्फ बोर्ड द्वारा आर्थिक सहायता दी गई। तब संसद में मुझे शून्य जवाब मिला था। उन्होंने आगे बताया कि वक्फ के पास इतनी संपत्ति है। फिर भी किसी महिला को मदद नहीं दी गई। बोर्ड के कर्मचारियों को वेतन नहीं मिल रहा है।
इससे पहले मथुरा में मो. आरिफ ने कहा कि वक्फ बोर्ड की संपत्तियों का इस्तेमाल गरीबों के लिए होना चाहिये। आज इन पर बड़े लोग काबिज हैं। कहा कि आप ये देखें कि मथुरा में कितनी वक्फ बोर्ड संपत्ति हैं और क्या उन पर कोई चैरिटेबल संगठन चल रहा है यहां पर? फिर वक्फ काहे के लिए है। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि मानो यह प्रॉपर्टी मेरी है, मैंने इसे परमात्मा को, अल्लाह को ऑनरशिप कर दी। उन्होंने सवाल किया कि अब अल्लाह की प्रॉपर्टी है तो उसके लिए सबसे पहले इस्तेमाल किसके लिए होना चाहिये? फिर खुद जवाब देते हुए कहा कि सबसे पहले सबसे गरीब के लिए इस्तेमाल होना चाहिये।
वक्फ में अल-अल औलाद जो है आप देखेंगे वह कहीं कुरान में नहीं है। इसका मतलब यह हो गया है कि मैं और मेरी औलाद। हो यह रहा है कि मैंने अपनी प्रॉपर्टी सीलिंग से बचाने के लिए मैंने कह दिया कि यह मेरे बड़े बेटे के काम आयेगी लेकिन यह वक्फ होगा। कानून में यह इजाजत है लेकिन रिलीजन से इसका कोई मतलब नहीं है।
एक सवाल के जवाब में कहा कि बतायें यह समस्या है या नहीं। अगर समस्या है तो इसका निदान होना चाहिये या नहीं या हम मुकदमेबाजी ही चलवाते रहें। इतनी प्रॉपर्टी होने के बाद भी गरीब आदमी को कोई फायदा न पहुंचे। उन्होंने कहा कि वह राज्यपाल हैं, अपनी राय दे रहे हैं, किसी राजनेता के बयान पर कमेंट नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि वह चाहते हैं कि मुकदमेबाजियों का अंत हो। वक्फ की प्रॉपर्टी का इस्तेमाल गरीब आदमी के लिए हो। वक्फ बड़े लोगों के लिए नहीं है। आज तो बड़े लोग ही कब्जा किये हुए हैं वक्फ पर। असल में इसका फायदा गरीब आदमी को होना चाहिए।