डेस्क:बीजू जनता दल (बीजेडी) ने वक्फ (संशोधन) विधेयक 2024 पर अपने रुख में बदलाव करते हुए गुरुवार को बड़ा ऐलान किया। पार्टी ने इस मुद्दे पर अपने सांसदों को स्वतंत्र रूप से फैसला लेने की छूट दी है। एक दिन पहले ही बीजेडी ने कहा था कि उसके सभी राज्यसभा सांसद इस बिल का विरोध करेंगे। राज्यसभा में चर्चा के दौरान बीजेडी सांसदों ने बिल के विरोध में अपनी दलील भी दी थी।
बीजेडी के राज्यसभा सांसद और प्रवक्ता डॉ. सस्मित पात्रा ने कहा, “हम अल्पसंख्यक समुदायों के विभिन्न वर्गों की भावनाओं का सम्मान करते हैं। इन विचारों पर गहन मंथन के बाद, पार्टी ने अपने राज्यसभा सांसदों को विवेकानुसार निर्णय लेने के लिए कहा है। मतदान के दौरान कोई पार्टी व्हिप जारी नहीं किया जाएगा।”
इससे पहले, पात्रा ने बुधवार को बयान दिया था कि बीजेडी के राज्यसभा सांसद मुजीबुल्ला खान सदन में मुस्लिम समुदाय का प्रतिनिधित्व करेंगे और बिल को लेकर पार्टी की चिंताओं को सामने रखेंगे। बीजेडी ने बिल पर असंतोष जताते हुए कहा कि संयुक्त संसदीय समिति (JPC) की समीक्षा के बाद केंद्र सरकार ने कुछ प्रावधानों में संशोधन किया है, लेकिन यह अभी भी पूरी तरह संतोषजनक नहीं है।
चर्चा के दौरान बीजेडी सांसद मुजीबुल्ला खान ने वक्फ बिल के नियमों पर आपत्ति जताई थी। उन्होंने कहा कि उन्हें सबसे ज्यादा शिकायत उस नियम से है, जिसमें मुसलमान को यह साबित करना जरूरी है कि वह मुस्लिम है। यह वह कैसे करेगा? मैं बिना दाढ़ी का मुसलमान हूं, लेकिन रोजे लेता हूं और पांच वक्त की नमाज पढ़ता हूं। सरकार इस नियम से क्या साबित करना चाहती है?
लोकसभा में करीब 12 घंटे की लंबी बहस के बाद अब राज्यसभा में इस बिल पर चर्चा जारी है। इस दौरान बीजेपी सांसदों ने विपक्ष पर “गलत सूचना फैलाने” का आरोप लगाया, जबकि तृणमूल कांग्रेस (TMC) के सांसद मोहम्मद नदीमुल इस्लाम ने इसे “संस्कृति पर हमला” करार दिया और केंद्र सरकार पर वक्फ संपत्तियों पर अनावश्यक नियंत्रण स्थापित करने का आरोप लगाया।
केंद्रीय मंत्री किरन रिजिजू ने बुधवार को यह बिल पेश किया था, जिस पर लोकसभा में देर रात तक बहस चली। आखिरकार, बिल 288 वोटों के समर्थन और 232 विरोध के साथ पारित हो गया। अब सबकी नजरें राज्यसभा में होने वाले मतदान पर टिकी हैं।