जयपुर:राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा ने राजे ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के जोधपुर दौरे की जमकर तारीफ की है। वसुंधरा राजे ने कहा कि अमित शाह ने मेरे कार्यकाल में शुरू की गई योजनाएं गिनाई हैं। हमारी सरकार ने सर्वोदय से अंत्योदय की विचारधारा और पीएम मोदी की प्रेरणा से चलाई थी। जिनकी सफलता पर हमें सदैव गर्व रहेगा। जोधपुर में अमित शाह की मौजूदगी में भाजपा कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए वसुंधरा ने इशारों ही इशारों में अपने मन की बात भी कह दी।
‘मेरे सीएम बनने के बाद कांग्रेस को 20 साल नहीं मिला बहुमत’
वसुंधरा राजे ने कहा- 2003 में पहली बार मुझे राजस्थान की जनता ने मुख्यमंत्री बनाया। उसके बाद 20 सालों में राजस्थान में कांग्रेस कभी पूर्ण बहुमत नहीं ला पाई। वसुंधरा का इशारा साफ था। पार्टी नेतृत्व सीएम चेहरे को लेकर अपनी स्थिति क्लीयर करें। राजस्थान में चुनाव के लिए मुश्किल से सवा साल का समय बचा है। पार्टी में सीएम फेस को लेकर अंदरूनी खींचतान जारी है। राजनीति के जानकार वसुंधरा राजे के बयान का मतलब सीएम फेस की दावेदारी से लगा रहे हैं। वसुंधरा राजे ने कहा कि लड़ाई में सामने वाले को कभी कमजोर नहीं समझना चाहिए। इसलिए हमें यह मानकर घर नहीं बैठना है कि हम प्रचंड बहुमत से सरकार बना लेंगे। हमें एकजुट होकर मजबूत रणनीति के साथ आगे बढ़ना है। प्रेस काॅन्फ्रेंस की बजाय पब्लिक काॅन्फ्रेंस करनी है।
राजस्थान में कुछ महीने बाद चुनावी मौसम शुरू हो जाएगा। ऐसे में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का राजस्थान दौरा काफी अहम माना जा रहा है। हालांकि, सीएम फेस को लेकर अमित शाह भी पूरी तस्वीर साफ नहीं कर पाए है। विधानसभा चुनाव में पार्टी सीएम फेस के साथ जाएगी या फिर पीएम मोदी के चेहरे के आधार पर। लेकिन अमित शाह ने संकेत दिए हैं कि पार्टी विधानसभा चुनाव 2023 में पीएम मोदी के चेहरे को ही जनता के सामने रखकर वोट मांगेगी। मतलब साफ है पार्टी सीएम फेस घोषित नहीं करेगी। भाजपा ने कई राज्यों में सीएम चेहरा घोषित नहीं किया, इसके बावजूद चुनावी सफलता मिली। माना जा रहा है कि पार्टी आलाकमान राजस्थान में भी यही प्रयोग करने जा रहा है।
राजस्थान भाजपा में तेजी से समीकरण बदल रहे हैं। केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत और अर्जुन मेघवाल की जुगलबंदी से सतीश पूनिया गुट भी हैरान है। पहले पूनिया और शेखावत वसुंधरा गुट के नेता माने जाते थे, लेकिन चुनाव का समय नजदीक आ रहा है। सियासी समीकरण भी तेजी से बदल रहे हैं। बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया को घेरने के लिए केंद्रीय मंत्री शेखावत लामबंद हो गए है। अमित शाह के जोधपुर दौरे के दौरान पोस्टर पाॅलिटिक्स साफ जाहिर है कि पूनिया समर्थक शेखावत का विरोध कर रहे हैं। पूनिया समर्थकों के पोस्टर से शेखावत नदारद रहे। वहीं शेखावत के लगे पोस्टरों से वसुंधरा और पूनिया दोनों ही गायब रहे। मतलब साफ है अमित शाह की मौजूदगी में भले ही पार्टी नेताओं ने एकजुटता दिखाई है। लेकिन खटास बरकरार है।