जयपुर:राजस्थान में गहलोत और पायलट के बीच एक बार फिर सियासी दूरी दिखाई दी है। दोनों नेताओं के बीच खटास बरकरार है। सियासी जानकारों का कहना है कि आगामी दिनों में टिकट बंटवारे को लेकर खींचतान बढ़ सकती है। दोनों नेताओं की दूरी पर बीजेपी ने तंज कसा है। दरअसल, पीसीसी वॉर रूम में राजस्थान कांग्रेस चुनाव समिति की बैठक में सीएम गहलोत, प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा और पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा समेत समिति सदस्यों ने विधानसभा चुनावों की रणनीति को लेकर चर्चा की। मीटिंग का एक वीडियो वायरल हुआ। वीडियो में देखा जा सकता है कि प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा, सीएम गहलोत, राज्य प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा एक साथ बैठे हैं। जबकि सचिन पायलट अशोक गहलोत के बाएं तरफ बैठे हैं लेकिन दोनों के बीच एक निश्चित दूरी देखी जा सकती है। बता दें कांग्रेस आलाकमान ने दोनों नेताओं के बीच सुलह करा दी है। लेकिन दोनों ही नेता एक-दूसरे से दूरी बनाकर चल रहे हैं। हालांकि, सुलह के बाद सचिन पायलट कैंप सीएम गहलोत पर हमलावर नहीं है। सचिन पायलट और उनके समर्थक माने जाने वाले नेता चुप्पी साधे हुए है।
राजस्थान बीजेपी ने कसा तंज
कांग्रेस चुनाव समिति की बैठक की फोटो पर नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र सिंह राठौड़ ने तंज कसा है। वायरल फोटो में प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा, डोटासरा, गहलोत और पायलट है मौजूद। राजेंद्र सिंह राठौड़ ने ट्वीट कर कहा- फासले ऐसे भी होंगे ये कभी सोचा न था, सामने बैठा था मेरे और वो मेरा ना था, कांग्रेस में मजबूरियां, दूरियां और तन्हाइयां खत्म होने का नाम ही नहीं ले रही है। हालांकि, कांग्रेस की तरफ से राजेंद्र राठौड़ को जवाब नहीं दिया गया है। हालांकि, बैठक के बाद सीएम गहलोत ने कहा कि राजस्थान बीजेपी के पास मुख्यमंत्री लायक कोई चेहरा नहीं है। इसलिए पीएम मोदी के चेहरे पर चुनाव लड़ा जा रहा है।
प्रत्याशियों के चयन पर मंथन
उल्लेखनीय है कि मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के अलावा राजस्थान में इसी साल के अंत में विधानसभा चुनाव कराए जाने हैं। बीजेपी की ओर से जहां पहले दो राज्यों के लिए उम्मीदवारों की सूची जारी होनी शुरू हो गई, फिलहाल कांग्रेस की तरफ से ऐसी कोई घोषणा नहीं हुई है। हालांकि राजस्थान में अभी बीजेपी ने भी अपने पत्ते नहीं खोले हैं। इसी बीच चुनाव से पूर्व राजस्थान कांग्रेस की बैठक का एक वीडियो भी सामने आया है। सियासी जानकारों का कहना है कि दोनों नेताओं के बीच टकराव से पार्टी को नुकसान हो सकता है। टिकट बंटवारे को लेकर भी खींचतान हो सकती। सचिन पायलट अपने कैंप के नेताओं को टिकट दिलाने की मांग कर सकते हैं। ऐसे में गुटबाजी को एक बार फिर बढ़ावा मिल सकता है। सचिन पायलट इससे पहले अनशन के अलावा पांच दिन की पदयात्रा भी निकाल चुके हैं। हालांकि दिल्ली में कांग्रेस नेतृत्व ने दोनों को दो दौर की बातचीत के लिए बुलाया और उसके कांग्रेस ने दावा किया कि राजस्थान के नेताओं के बीच सबकुछ ठीक है।