बच्चों के पैदा होने से लेकर उनके बड़े होने तक, पेरेंट्स को कई तरह की चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। हर साल पेरेंटिंग के बदलते हुए मायने और एक परफेक्ट पेरेंट्स बनने की चाह माता-पिता की इस चुनौती को और भी ज्यादा मुश्किल बना देती है। ऐसे में कई बार पेरेंट्स बच्चों के लिए कुछ अच्छा करने के चक्कर में अनजाने में उनके साथ बुरा कर देते हैं। आइए जानते हैं परफेक्ट पेरेंटिंग से जुड़े उन मिथक को बार में, जिन्हें ज्यादातर पेरेंट्स सच मानकर अपने बच्चों को खुद से दूर कर देते हैं।
परफेक्ट पेरेंटिंग से जुड़े मिथक-
बच्चों के साथ सख्ती है जरूरी-
अक्सर कई पेरेंट्स इस मिथक पर आंख बंद करके भरोसा करते हैं कि बच्चों के साथ पढ़ाई और करियर को लेकर बेहद सख्ती से पेश आना चाहिए। पेरेंट्स को लगता है कि उनके ऐसा करने से बच्चे पढ़ाई में अच्छे अंक लाने के साथ अपने करियर पर भी पूरा फोकस कर पाएंगे। लेकिन ये सोच बिल्कुल गलत है। बच्चों के गलत करने पर उन्हें डांटे, लेकिन कुछ गलतियों पर उन्हें डांटने की जगह आप प्यार से भी बच्चों को समझा सकते हैं। आपके जरूरत से ज्यादा बच्चे को डांटने या सख्ती करने से बच्चा आपसे डरकर दूरी बनने लगेगा।
परफेक्ट पेरेंट्स बनना है जरूरी-
ज्यादातर माता-पिता अपने बच्चे को एक अच्छा इंसान बनाने के लिए पहले खुद को परेफेक्ट पेरेंट्स बनाने की कोशिश में लगे रहते हैं। यह बात सच है कि बच्चे अपने माता-पिता को देखकर उनसे बहुत कुछ सीखते हैं, लेकिन इसका मतलब यह नहीं की आप खुद पर परफेक्ट पेरेंट्स बनने का दबाव डालें। दुनिया में कोई भी इंसान परफेक्ट नहीं होता है। ऐसे में एक माता-पिता कैसे परफेक्ट हो सकते हैं।
बच्चों को टोकना होता है जरूरी-
बच्चों को बार-बार टोकने से उनके मन में अपने पेरेंट्स के प्रति डर की भावना पैदा होने लगती है। जिसकी वजह से उनके भीतर का आत्मविश्वास कमजोर हो जाता है और वो आपसे दूरी बनाने लगता है।
बच्चों को रखें घर की बातों से दूर-
आपने अक्सर लोगों को एक दूसरे को यह सुझाव देते हुए सुना होगा कि बच्चो के सामने घर की परेशानियां डिस्कस नहीं करनी चाहिए। ऐसा करने से उनका अपनी पढ़ाई से फोकस हट सकता है। ऐसा इसलिए भी कहा जाता है क्योंकि कई बार घर में माता-पिता अपनी बातों को एक दूसरे के सामने रखते हुए झगड़े की स्थिति तक पहुंच जाते हैं। लेकिन आप अगर बच्चों के सामने समझदारी से अपनी प्रॉब्लम एक दूसरे के साथ शेयर करेंगे तो उन्हें भी आपसे सीखने को मिलेगा कि बिना झगड़े के अपनी परेशानी से कैसे निपटा जा सकता है।