देहरादून:चारों धामों में यात्रियों का आंकड़ा दस लाख पार पहुंच गया है। तीन मई से 25 मई के बीच कुल 10.26 लाख यात्रियों ने दर्शन किए। केदारनाथ धाम में ही 3.35 लाख श्रद्धालु दर्शन कर चुके हैं। बदरीनाथ धाम में 3.33 लाख श्रद्धालुओं ने दर्शन किए। गंगोत्री में दो लाख, यमुनोत्री धाम में 1.49 लाख श्रद्धालु दर्शन कर चुके हैं। श्री हेमकुंड साहिब में अभी तक 7338 श्रद्धालुओं ने दर्शन किए।
सचिव पर्यटन दिलीप जावलकर ने बताया कि श्रद्धालुओं की संख्या में तेजी से बढ़ोत्तरी हो रही है। ऐसे में धामों में सभी पर्याप्त इंतजाम किए गए हैं। वैकल्पिक मार्ग तैयार किए जा रहे हैं। सड़क बंद होने की स्थिति में सड़क खुलवाने को पर्याप्त संख्या में मशीनें, कर्मचारी तैनात किए गए हैं।
केदारनाथ पैदल मार्ग पर जाम की स्थिति से निपटने और यात्रियों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए घोड़े खच्चर के लिए सोनप्रयाग से मुनकटिया, गौरीकुंड तक करीब चार किलोमीटर लंबा पैदल मार्ग पुर्नस्थापित कर दिया गया है। जिन यात्रियों ने अपने टिकट बुक करा लिए हैं और उत्तराखंड पहुंच चुके हैं, उनके लिए एसडीआरएफ के माध्यम से ऑनलाइन पंजीकरण कराया जा रहा है। बुधवार को ऋषिकेश में पर्यटन और एसडीआरएफ ने 700 ऑनलाइन पंजीकरण कराए। ये भी सुनिश्चित कराया जा रहा है कि इन पंजीकरण का दुरुपयोग न हो।
केदारनाथ यात्रा बीते दो दिनों से खराब मौसम के कारण रुक-रुककर संचालित होती रही किंतु बुधवार को जैसे ही मौसम साफ हुआ और चारों ओर धूप खिली तो तीर्थयात्रियों में जबर्दस्त उत्साह दिखा। सोनप्रयाग और गौरीकुंड में केदारनाथ जाने का इंतजार कर रहे यात्रियों ने बम बम भोले के जयघोषों के साथ दोनों स्थानों से केदारनाथ को प्रस्थान किया। गौरीकुंड से 2 बजे तक 13700 तीर्थयात्री केदारनाथ धाम के लिए रवाना हुए।
बीते दो दिनों से मौसम ने केदारनाथ यात्रा में खलल डाला। हालांकि दोनों दिन सुबह सोनप्रयाग और गौरीकुंड से यात्री केदारनाथ के लिए रवाना हुए किंतु मौसम खराब होने के कारण यात्रियों की सुरक्षा को देखते हुए प्रशासन ने सुबह 10 बजे बाद सोनप्रयाग से यात्रियों को आगे जाने की अनुमति नहीं दी गई। बुधवार को केदारनाथ धाम से लेकर गौरीकुंड सोनप्रयाग तक मौसम पूरी तरह खुला रहा।
चारों ओर खिली धूप के बीच पैदल मार्ग पर बड़ी संख्या में यात्रियों की आवाजाही होती रही। गौरीकुंड में सहायक सेक्टर अधिकारी रजत कुमार ने बताया कि 2 बजे तक गौरीकुंड से 13700 तीर्थयात्री केदारनाथ के लिए रवाना हुए। जबकि बड़ी संख्या में यात्री केदारनाथ से गौरीकुंड लौटते रहे। इधर, मौसम खुलते ही बड़ी संख्या में यात्री घोड़े खच्चर और डंडी कंडी के सहारे केदारनाथ रवाना हुए।
सुबह से शाम तक उड़ते रहे हेलीकॉप्टर : केदारनाथ यात्रा में बुधवार को मौसम ने यात्रियों का पूरा साथ दिया। हेलीकॉप्टर कम्पनियों ने लगातार सुबह से शांम तक उड़ाने भरते हुए बड़ी संख्या में हेलीपैडों में फंसे यात्रियों को केदारनाथ के दर्शन कराए। वहीं कई यात्रियों को केदारनाथ से भी वापस लाने का काम किया। सामान्य दिनों की तरह बुधवार को दिनभर हेलीकॉप्टरों की आवाजों से केदारघाटी गुंजायमान रही।
केदारनाथ मंदिर में दर्शनों को लगी लाइन
केदारनाथ मंदिर में मौसम खुलते ही तीर्थयात्रियों की लम्बी लाइन लगी रही। धूप होने के कारण तीर्थयात्री अपनी बारी का इंतजार करने के लिए फुर्सत से बैठे रहे। हालांकि प्रशासन, पुलिस और बीकेटीसी की टीम ने यात्रियों को जल्द से जल्द दर्शन करवाने में सहयोग किया। बर्फबारी के बाद केदारपुरी में यात्री दर्शनों के बाद यहां चारों ओर बर्फ से सफेद हुई चोटियों का दीदार करते रहे।
मुख्य सचिव एसएस संधु ने चारधाम यात्रा के दौरान धामों में बिजली, पानी, कूड़ा निस्तारण समेत अन्य सभी व्यवस्थाएं सुनिश्चित कराने के निर्देश दिए। साथ ही उक्त व्यवस्थाओं के तहत काम सही तरीके से सुनिश्चित हो रहा है या नहीं, इस पर नजर रखने के लिए थर्ड पार्टी तय करने को भी कहा गया है।
चारधाम यात्रा से जुड़े जिलों के डीएम को भीड़ प्रबंधन पर विशेष फोकस करने के निर्देश दिए गए हैं। मुख्य सचिव ने कहा कि धामों में तय क्षमता से अधिक लोगों को न पहुंचने दिया जाए। चारधाम यात्रा और धामों में व्यवस्थाओं को लेकर मुख्य सचिव ने बुधवार शाम को सचिवालय में बैठक ली। इस दौरान मुख्य सचिव ने कहा, बारिश-बर्फबारी से भक्तों को बचाने को शेड की व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाएं। चारों धामों में सफाई व्यवस्था दुरुस्त करने के साथ कूड़ा निस्तारण व इसकी लगातार मॉनिटरिंग करने के निर्देश दिए।
कूड़ा निस्तारण, बिजली, पानी समेत अन्य व्यवस्थाएं कार्यदायी संस्थाओं के स्तर से अपने दायित्वों का निर्वहन किया जा रहा है या नहीं, इसके लिए थर्ड पार्टी मॉनिटरिंग की व्यवस्था की जाए। अलग से सोर्स ऑफ इन्फॉर्मेशन सिस्टम विकसित किया जाए ताकि सही जानकारी मिल सके।
मुख्य सचिव ने पुलिस और प्रशासन को भीड़ प्रबंधन को यात्रियों को विभिन्न स्थानों पर रोकने के निर्देश दिए। संधु ने कहा कि जरूरत के अनुसार फिजिकल बैरियर लगाए जाएं। डीएम तय संख्या से अधिक लोगों को आगे न जाने दें। सभी डीएम अपने स्तर पर लोकल प्लान बनाते हुए व्यवस्थाएं सुनिश्चित करें।
चारधाम परिसर में निर्धारित श्रद्धालु संख्या फुल होने पर व्यवस्थित तरीके से श्रद्धालुओं को निचले पढ़ावों में रोका जा सके। इस अवसर पर विशेष प्रमुख सचिव सीएम अभिनव कुमार, सचिव दिलीप जावलकर,अरविंद सिंह ह्यांकी, रंजीत सिन्हा, अपर सचिव सोनिका, एमडी यूपीसीएल अनिल कुमार,निदेशक एमएल प्रसाद आदि मौजूद रहे।
भारी बारिश के कारण रोकी गई यमुनोत्री धाम की यात्रा बुधवार को एक दिन बाद फिर से चालू हो गई। यमुनोत्री धाम में बड़ी संख्या में श्रद्धालु मां यमुना के दर्शन को पहुंचे। मंगलवार को भारी बारिश के बीच जिला प्रशासन को यमुनोत्री धाम की यात्रा रोकनी पड़ी। यात्रियों को बड़कोट, जानकीचट्टी आदि स्थानों पर ही ठहरने के लिए कहा गया। बुधवार को सुबह मौसम सुहाना होते ही जिला प्रशासन ने यमुनोत्री धाम की यात्रा फिर से चालू कर दी और तीर्थयात्री दर्शन को पहुंचे।