डेस्क:अमेरिका के नए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप जनवरी में पदभार ग्रहण करेंगे लेकिन उससे पहले ही यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की घबराहट में ऐसे कदम उठा रहे हैं, जिसकी मार उन्हीं के नागरिकों पर पड़ने जा रही है। जेलेंस्की ने सैन्य करों को तिगुना से भी ज्यादा बढ़ा दिया है। उनका यह कदम उन आशंकाओं के बीच उठाया गया है, जिसमें कहा गया है कि डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति बनने पर अमेरिका यूक्रेन को अपनी वित्तीय मदद कम कर सकता है। दरअसल, अपने चुनाव अभियान के दौरान ट्रम्प ने बार-बार यूक्रेन-रूस युद्ध को खत्म करने का वादा किया था। इसके साथ ही उन्होंने यह बात भी बार-बार कही कि अमेरिका यूक्रेन को सैन्य सहायता के तौर पर बहुत ज्यादा खर्च कर रहा है, जिसे वह कम करेंगे।
रॉयटर्स की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि यूक्रेन के राष्ट्रपति ने गुरुवार को एक कानून पर दस्तखत कर 2025 तक सैन्य कर को 1.5 फीसदी से बढ़ाकर अब पांच फीसदी कर दिया है, जो तीन गुना से ज्यादा है। यूक्रेन के वित्त मंत्री सेरही मार्चको ने कहा कि इस कानून के बन जाने से यूक्रेन को रक्षा क्षेत्र के लिए अत्यधिक धन मिल सकेगा। इतना ही नहीं जेलेंस्की ने आयकर में भी बढ़ोत्तरी की है। अब 1 दिसंबर से यूक्रेनियों को व्यक्तिगत आय पर भी पांच फीसदी टैक्स देना होगा। इस कदम से सरकार 3.4 अरब डॉलर की अतिरिक्त राशि जुटा सकेगी। इस विधेयक में बैंक मुनाफों पर भी 50 फीसदी टैक्स लगाने का फैसला किया या है।
साफ है कि जेलेंस्की सरकार ने करों में बढ़ोत्तरी ट्रंप की ताजपोशी से पहले किया है। एक दिन पहले ही ट्रंप ने कीथ केलॉग को यूक्रेन और रूस के लिए विशेष दूत के रूप में नामित किया है। केलॉग अमेरिकी सेना के रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल हैं, जो ट्रंप के पहले कार्यकाल में उप राष्ट्रपति रहे माइक पैंस के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार थे। केलॉग ने भी मई में एक योजना जारी कर कहा था कि यूक्रेन को सैन्य सहायता तब तक बंद कर दिया जाना चाहिए, जबतक कि वह रूस से शांति वार्ता न करे। केलॉग ने दोनों देशों के बीच संघर्ष को अपनी-अपनी सीमा रेखा में ही रखने की वकालत की थी।
इस बीच, रूस ने यूक्रेन के ऊर्जा प्रतिष्ठानों को निशाना बनाते हुए बृहस्पतिवार को 200 से ज्यादा मिसाइल और ड्रोन से हमले किए। इन हमलों के कारण देश भर में 10 लाख से ज्यादा आबादी बिजली से वंचित है। यूक्रेन के अधिकारियों ने यह जानकारी दी। दो सप्ताह से भी कम समय में यूक्रेन के ऊर्जा प्रतिष्ठानों पर रूस के दूसरे बड़े हवाई हमले से यह आशंका बढ़ गई है कि रूस का इरादा सर्दी से पहले यूक्रेन की ऊर्जा उत्पादन क्षमता को तहस-नहस करना है।
रूस ने पिछले वर्षों में यूक्रेन के बिजली संयंत्रों को निशाना बनाया है, जिसका उद्देश्य कड़ाके की ठंड के महीनों के दौरान नागरिकों को बिजली और पेयजल आपूर्ति से वंचित करना तथा यूक्रेन के उत्साह को तोड़ना है। यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने कहा कि कुछ क्षेत्रों में, कलस्टर हथियारों से लैस कलिब्र क्रूज मिसाइलों ने नागरिक ठिकानों को निशाना बनाया। कलस्टर हथियार एक बड़े क्षेत्र में कई छोटे बम छोड़ते हैं, जिससे वे हमले के दौरान और उसके बाद नागरिकों के लिए ख़तरनाक हो जाते हैं।
यूक्रेन के अधिकारियों ने हाल में कहा था कि रूस ठंड के मौसम से पहले ऊर्जा संयंत्रों को निशाना बनाने के लिए क्रूज और बैलिस्टिक मिसाइलों का भंडार जमा कर रहा है। वहीं, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने दावा किया कि उनकी सेना ने बृहस्पतिवार को 100 ड्रोन और 90 मिसाइलों से यूक्रेन के 17 ठिकानों पर हमला किया, जिनमें सैन्य सुविधाएं और उनकी ‘‘सहायता प्रणालियां’’ शामिल थीं।